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भूकंप से तुर्की और सीरिया में अबतक 20,000 से ज़यादा लोगों की मौत हुई : अमेरिका ने अनेक देशों को सीरिया की मदद से रोका : वीडियो

मानवाधिकारों का दावा करने वाले अमेरिका ने सीरिया में विनाशकारी भूकंप के पीड़ितों को किसी भी तरह की कोई भी सहायता देने से इनकार कर दिया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ऐसे समय में जब भीषण भूकंप ने सीरिया में व्यापक तबाही मचाई है और पीड़ितों को अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है, अमेरिका ने कहा है कि वह सीरिया की किसी भी स्थिति में मदद नहीं करेगा। बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा कि सीरिया में आए भीषण भूकंप के बाद वहां जारी राहत कार्यों में अमेरिका द्वारा किसी भी स्तर का कोई सहयोग नहीं दिया जाएगा। अमेरिकी विदेश मंत्री ने दावा किया कि सीरिया में हमारे मानवीय केंद्र हैं और हम उन्हें बजट प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हम एक बार फिर कह रहे हैं कि हम भूकंप पीड़ितों को राहत पहुंचाने की प्रक्रिया में सीरिया की मदद नहीं करेंगे।

 

ANI
@ANI

Death toll due to devastating earthquakes in Turkey and Syria rises to more than 19,300; surpasses Japan’s Fukushima disaster toll, reports The Associated Press

The New York Times
@nytimes
The powerful earthquake that hit Turkey and Syria has killed more than 19,000 people and left hundreds of thousands homeless across the region.

Here’s the latest on the earthquake’s aftermath.
The United Nations said on Thursday that it had sent its first aid convoy into opposition-controlled Syria since a powerful earthquake hit the region three days ago, a natural disaster that killed over 19,000 people and left hundreds of thousands homeless across Syria and neighboring Turkey.

Yet truck shortages, blocked roads and other logistical hurdles are impeding efforts by the 100,000-plus rescue personnel working in Turkey — equivalent to the population of a small American city — trying to unearth victims, bury the dead and provide aid to desperate survivors.

The European Union said it had deployed more than 1,600 rescuers and more than 100 search dogs to the hardest-hit areas in Turkey, where they have rescued 36 people so far.


Six humanitarian aid trucks carrying “shelter material” and “non-food items” entered the opposition-held region of northwestern Syria on Thursday, a spokesman for the U.N. Office for the Coordination of Humanitarian Affairs said, three days after a devastating earthquake struck the region.

The convoy, which was originally scheduled to arrive on Monday to assist people affected by the country’s civil war, was the first significant delivery of aid to the territory since the earthquake occurred on Monday morning. The delivery had been stalled by road blockages caused by the earthquake, which has also impeded the work of those employed to verify and transport the aid materials.

Feher_Junior
@Feher_Junior
President #Erdogan said that the earthquake has already claimed the lives of 14,014 people, another 63,794 were injured. 6,444 buildings were destroyed in the country


ANI
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Syrian Embassy appeals for help from people in India to come forward & donate in the aftermath of devastating earthquakes in Syria.

 

तुर्की, सीरिया: भूकंप के बाद मौत को हराने वाले ‘चमत्कारों’ की कहानियां

5 फ़रवरी 2023. एक बच्ची इरमाक रात को घर के मुलायम बिस्तर पर सो रही थी. अगली सुबह भी वो बिस्तर पर मिली लेकिन सोकर उठी नहीं. इरमाक के ऊपर भारी-भरकम छत का बड़ा हिस्सा गिरा हुआ था. वही छत, जिसे देखते हुए इरमाक ने कितनी बचकानी और प्यारी बातें की होंगी.

इरमाक की सांसें दुनिया छोड़कर जा चुकी हैं मगर उसका एक हाथ अब भी छोड़ा नहीं गया है. ये हाथ इरमाक के अब्बा मेसूत हंसर ने पकड़ा हुआ है, जो कुछ वक़्त पहले ज़िंदगी से भरे अपने घर के मलबे के पास बैठे हैं और अपनी बिटिया का साथ नहीं छोड़ना चाहते.

आँखों और चेहरे पर बिना किसी भाव के तुर्की के कहरामनमारस शहर में मेसूत कुछ बोल नहीं रहे हैं. मगर उनकी तस्वीर देखने वाले ज़्यादातर इंसान इतने सारे भावों से भर जाएंगे कि शब्दों की ज़रूरतें ख़त्म हो जाएंगी.

कुछ सेकेंड्स हज़ारों लोगों की ज़िंदगी छीन सकते हैं और लाखों लोगों को ग़मगीन कर सकते हैं. तुर्की, सीरिया में आए भूकंप इस बात के ताज़ा और दुखद उदाहरण हैं.

दोनों देशों में आए भूकंप की वजह से 15 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों घायल हैं. भूकंप की वजह से अरबों रुपये की संपत्ति का नुक़सान हुआ.

मलबे से लगातार लोगों को निकाला जा रहा है. जब मलबे से किसी को निकाला जाता है तो सबसे पहले ये जानने की कोशिश होती है कि सांसें साथ छोड़ चुकी हैं या इंसान ज़िंदा है?

इस कहानी में हम ऐसे ही कुछ वाकयों का ज़िक्र करेंगे, जिसमें घंटों बाद मलबे के अंदर से मौत को हराकर ज़िंदगियां बाहर आईं.

मलबे के नीचे से निकल आई नन्ही ज़िंदगी

जगह- उत्तरी सीरिया का एक इलाक़ा एफरीन.

तबाही मचाने वाले भूकंप को आए कई घंटे बीत चुके हैं.

बचाव कार्य जारी है. क्रेन से मलबे को हटाया जा रहा है. तभी शोर होता है. मलबे से एक आदमी कुछ घंटों पहले पैदा हुई बच्ची को लेकर भाग रहा है.

ये नवजात बच्ची जब मिली तब वो अपनी मां की गर्भनाल से जुड़ी हुई थी. मां मर चुकी थी लेकिन बच्ची ज़िंदा थी.

बच्ची जहां मिली, वो उसका घर था. वही घर जहां कुछ घंटों पहले तक इस बच्ची के पैदा होने की तैयारियां चल रही थीं. अब इस घर के सभी सदस्य मर चुके हैं, जो ज़िंदा है उसे गोद में खिलाने के लिए परिवार का कोई नहीं बचा.

इस बच्ची के पिता के चचेरे भाई ख़लील अल-सुवादी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, ”बच्ची के मां-बाप की लाशें एक-दूसरे के बगल में थीं. जब हम मलबा हटा रहे थे, हमें कुछ आवाज़ सुनाई दी. हमने और खुदाई की. हमने जब धूल और मलबा हटाया तो हमें बच्ची मां की गर्भनाल से जुड़ी मिली. हमने उसे अलग किया. हम बच्ची को बाहर निकालकर ले गए और अस्पताल में भर्ती करवाया.”

बच्ची का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

जिन रंगों और चेहरों को पहचानने में इस बच्ची को सालों लगेंगे, वो उसके पैदा होते ही उसकी पहचान से किस कदर जुड़ गए हैं, इसकी झलक एक वीडियो में दिखती है.

एएफपी के वीडियो में एक शख्स कुछ लाशों को दिखाते हुए कहता है, ”बैंगनी कंबल में लिपटी लाश बच्ची की आंटी हैं. पीले कंबल में लिपटी लाश बच्ची की मां है. कत्थई कंबल में लिपटी लाश बच्ची के पिता की है.”

कुछ पानी की बूंदें ज़िंदगी की…
जगह- तुर्की का हाते.

एक बच्चा मलबे में दबा हुआ है. आंखें खुली हुई हैं. एक शख़्स उसे बोतल के ढक्कन से पानी पिला रहा है.

ये शख्स बचावकर्मी दल का सदस्य है.

बच्चा बीते 45 घंटों से इस मलबे में फँसा हुआ है. बच्चे का नाम मोहम्मद है.

बचावकर्मी कहते हैं, ”मोहम्मद. पानी पियो, पानी पियो. ये पानी पियो.” बच्चा जब पानी पीता है तो बचावकर्मी कहते हैं- शाबाश, बहुत बढ़िया… शाबाश.

बच्चा मुंह खोलकर अपने दांत दिखाता है और कुछ हँसता सा महसूस होता है. ये नज़ारा देखकर बचावकर्मी चहक उठते हैं. वो कहते हैं, ”अब ज़्यादा देर नहीं लगेगी. हिम्मत नहीं हारनी है मोहम्मद. बहुत बढ़िया मोहम्मद, अपना मुंह खोलो.”

ये बच्चा सीरिया से है. स्काई न्यूज़ के मुताबिक़, बच्चे का नाम मोहम्मद अहमद है और वो भूकंप के बाद से ही मलबे में दबा हुआ था.

50 घंटे बाद तोता निकला
जगह- तुर्की का मलाट्या.

ज़िंदगी तो ज़िंदगी होती है, इंसान की हो या फिर किसी जानवर या परिंदे की.

मलबे से जब इंसानों के ज़िंदा निकलने की खुशियां मनाई जा रही हैं तो ये बात परिंदों के बचकर निकलने पर भी लागू हो रही हैं.

तुर्की में मलबे से एक पालतू तोते को ज़िंदा बाहर निकाला गया. ये तोता जैसे ही बाहर निकला, ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगा.

बचाने वालों ने इस तोते को निकालकर एक बॉक्स में रखा और फिर सही जगह पर पहुंचा दिया.

सात मंज़िला इमारत और 62 घंटे
जगह- तुर्की का अदियामन.

भूकंप 6 फरवरी को तड़के आया था, जब लोग सो रहे थे. भूकंप आने के बाद से ही बचावकार्य जारी था.

भूकंप आने के लगभग 62 घंटों बाद एक चमत्कार लोगों को और दिखा.

सात मंज़िला इमारत के मलबे के नीचे से 12 साल के एक बच्चे को ज़िंदा बाहर निकाला गया. फ़ोटो एजेंसी गेटी के मुताबिक़, बच्चे का नाम किहिन अमीर है.

ऐसे कुछ और वीडियो, तस्वीरें भी शेयर की जा रही हैं.

सीरिया के सिविल डिफेंस संगठन व्हाइट हेलमेट ने ऐसे कई वीडियो जारी किए हैं, जिसमें घंटों बाद किसी बच्चे या बड़े को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है.

कोई 40 घंटे फँसा रहा था और कोई 50 घंटे बाद ज़िंदा निकाला गया.

व्हाइट हेलमेट के शेयर किए एक ट्वीट वीडियो में कहा गया, ”चमत्कार बार-बार होते हैं.”

इस वीडियो में सीरिया के इदलिब से करम नाम के एक बच्चे को मलबे से निकाला गया. ये बच्चा जब मलबे से निकला तो हँस रहा था. बचावकर्मी बच्चे को चूम रहे थे और खुश होते हुए अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगा रहा थे.

व्हाइट हेलमेट ने अपने साथ काम करने वाले एक बचावकर्मी के बारे में जानकारी दी, ”कुछ दिन पहले तक लोगों की जान बचाने वाला हमारा एक सहयोगी ख़ुद जान गँवा चुका है.”

इस वीडियो में लोग अपने सहयोगी की लाश निकालते हुए दिखते हैं.

पूरा परिवार ज़िंदा निकाला गया
जगह- सीरिया.

जिस छत के नीचे पूरा परिवार 5 फरवरी को सोया था, उस जगह से घंटों बाद पूरा परिवार बाहर निकला.

इस निकलने की चमत्कारिक और दुर्लभ बात ये थी कि पूरा परिवार ज़िंदा बाहर निकला था. वीडियो में दिखता है कि कैसे बचावकर्मी पहले बच्चों को बाहर निकालते हुए दिखते हैं, फिर घर के बड़ों को.

इन लोगों को सीधा एंबुलेंस में ले जाया जाता है, जिसके बाद इन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता है.

सीरिया वो जगह है, जो बीते एक दशक से तबाही का सामना कर रही है. कभी ये तबाही तथाकथित इस्लामिक स्टेट के कारण फैलती है तो कभी तेज़ भूकंप के कारण.

सीरिया के कुछ शहर ऐसे भी थे, जहां भूकंप आने के घंटों बाद तक मदद करने के लिए कोई नहीं था. सिर्फ़ मदद को पुकारती चीखें और रोने की आवाज़ सुनाई दे रही थी.

भूकंप भाई-बहन के प्यार को हिला नहीं पाया
जगह- सीरिया का हारम गांव.

घर की छत, जिसे देखते हुए अकसर बच्चे कुछ-कुछ सोचते रहते हैं.

वही छत सीरिया और तुर्की में कितने ही बच्चों पर भूकंप के कारण गिरी.

ऐसी ही एक छत के नीचे दो भाई-बहन दब गए. लगभग 36 घंटों बाद जब बचाव दल के लोग यहां पहुंचे तो धूल दोनों के चेहरों पर भरी थी. मगर दोनों की आंखें खुली थीं और हरकत हो रही थी.

सीएनएन की ख़बर के मुताबिक़, ये दोनों बच्चे भाई-बहन हैं. बहन ने भाई को सिर के पास से पकड़ा हुआ है.

बचाव दल के लोग जब यहां पहुंचे तो मरियम नाम की बच्ची बोली, ”मुझे यहां से बाहर निकालो. मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करूंगी. ज़िंदगी भर तुम्हारी गुलामी करूंगी

तस्वीरों और वीडियो से ये महसूस होता है कि ये दोनों बच्चे बिस्तर पर लेटे हुए हैं, शायद इसी बिस्तर पर ये लोग बीती रात सोए होंगे.

इस बच्ची के भाई का नाम इलाफ़ है. सीएनएन से बात करते हुए इन बच्ची के पिता मुस्तफ़ा ने बताया कि इलाफ़ इस्लामिक नाम है जिसका मतलब होता है- सुरक्षा.

मुस्तफ़ा ने कहा, ”मैं और मेरे तीन बच्चे सो रहे थे, तब ये भूकंप आया. धरती हिलने लगी. हम छत के नीचे दब गए. हमने जो महसूस किया वो कभी किसी को ना महसूस हो. लोगों ने हमारी आवाज़ सुनी और हमारी जान बचाई.”

ये कहानी सिर्फ़ इतने लोगों की नहीं है. इस कहानी को तुर्की और सीरिया में कितने ही लोग जी रहे हैं. कुछ की कहानी में लोग ज़िंदा बचकर निकल रहे हैं तो ये कहानियां चमत्कार कहला रही हैं और जहां लोग बच नहीं पा रहे हैं, वहां कितनी ही कहानियों, यादों, किस्सों का अंत हो चुका है.

(स्टोरी: विकास त्रिवेदी)

AJ+
@ajplus
Deaths from the Turkey-Syria earthquake have now surpassed 17,500.

Rescuers say the window to find more survivors under the rubble has likely passed, but families are still digging.

Many are sleeping in the street in freezing cold, waiting for state help: “No one has come.”

CNN
@CNN

More than 17,000 people have been killed and tens of thousands injured after a magnitude 7.8 earthquake struck Turkey and Syria on Monday.