मध्य प्रदेश राज्य

मध्य प्रदेश : कांग्रेस ने शिवराज सरकार के ख़िलाफ़ विधानसभा में अविश्वास पेश किया, सरकार पर ये लगाए आरोप : रिपोर्ट

भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्तुत किया। सोमवार को नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने वरिष्ठ विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को 51 बिंदुओं का आरोप पत्र सौंपा। इसमें महंगाई, बेरोजगारी, भर्ती और निर्माण कार्यो में हुई अनियमितता को मुद्दा बनाया गया है। सदन में नेता प्रतिपक्ष ने अध्यक्ष से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की, जिस पर उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही इस पर निर्णय लेंगे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने भाजपा सरकार के विरद्ध आरोप पत्र तैयार करने के लिए नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने पूर्व विधायक पारस सकलेचा को सहयोगी बनाया और लगभग 380 बिंदू विभिन्न विभागों के छांटे हैं। इसमें से 51 बिंदुओं को अविश्वास प्रस्ताव के आरोप पत्र में शामिल किया गया है।

इसके अलावा पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, जीतू पटवारी, प्रियव्रत सिंह, आरिफ मसूद सहित अन्य विधायकों ने भी अलग से आरोप पत्र दिए हैं। डा. सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और तरण भनोत ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। न तो किसी को रोजगार मिल रहा है और न ही नए उद्योग-धंधे खुल रहे हैं। भर्ती के नाम पर नौजवानों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। निर्माण कार्यो में बड़े स्तर पर अनियमितता हो रही है। इन सभी मुद्दों को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सदन में उठाकर सरकार से जवाब लिया जाएगा।

सरकार पर ये लगाए आरोप

पूरक पोषण आहार वितरण में गड़बड़ी

अस्पतालों में आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा

नर्सिग कालेजों में फर्जीवाड़ा, चिकित्सा महाविद्यालयों में खरीदी के नाम पर अनियमितता

स्वरोजगार योजनाएं बेरोजगारों के साथ छलावा, बेरोजगारी दूर करने का कोई ठोस समाधान नहीं

प्रदेश में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव, आगजनी की घटनाओं को रोकने में सरकार विफल

जहरीली शराब से मौत की घटनाएं बढ़ीं, शराब बिक्री को बढ़ावा देने संबंधी निर्णयों से महिलाओं में आक्रोश

महाकाल महालोक के निर्माण में भ्रष्टाचार, राम वन गमन पथ का निर्माण न होना

ओला पीडि़त किसानों को मुआवजा न मिलना

भिंड में कोटवार और भृत्य की फर्जी नियुक्ति दिखाकर लाखों रपये का आहरण

कारम बांध के निर्माण में बड़े पैमाने पर अनियमितता

राशन दुकानों से गरीबों को निम्न गुणवत्ता का चावल वितरित करना

प्रदेश में बिजली कटौती कर दूसरे राज्यों को बेचना, सोलर पंप योजना में राज्यांश कम करने से किसानों पर पड़ा भार

280 अधिकारियों के विरद्ध अभियोजन की स्वीकृति न देकर उन्हें बचाने का प्रयास करना।

अनुबंध नियुक्ति में विवाहित बेटी को नौकरी न देना, अविवाहित बेटियों और विधवाओं को पारिवारिक पेंशन का लाभ न देना

सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार के मामलों की धीमी जांच, पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश न देना

प्रधानमंत्री आवास और सामूहिक विवाह योजना में करोड़ों रपये का घोटाला

स्कूल के बच्चों के गणवेश खरीदी में अनियमितता, आदिवासी हितों की अनदेखी

प्रोफेसर भर्ती में घोटाला, हिंदी ग्रंथ अकादमी में संचालक की नियम विरद्ध नियुक्ति

किसानों की ऋण माफी रोकना, खाद की कमी, राज्य पर ऋण का अत्यधिक बोझ, कानून व्यवस्था की बदतर स्थिति, प्रदेश में अवैध उत्खनन व रेत माफिया का आतंक