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मनमोजी….अभिनेता राम मोहन मिश्रा के बारे में जानिये!

जनता वॉइस न्यूज़
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1945 उन्नाव उत्तर प्रदेश मे जन्मे राम मोहन मिश्रा जो फिल्मो मे मनमोजी के नाम से जाने जाते है आपने इनको बहुत फिल्मो मे देखा होगा हालांकि इनके रोल बहुत छोटे होते थे लेकिन इन्होने इतनी सारी फिल्मो मे काम किया है की लोगो ये जरूर याद होंगे इन्होने 1000 से भी ज्यादा फिल्मो मे काम किया है जिसके लिए इनका नाम लिम्का रिकॉर्ड बुक मे दर्ज है. टेक्सटाइल मे डिप्लोमा लेने के बाद 1970 मे ये मुंबई आ गए..

1973 मे ज़ब ये मुंबई के एम्पायर मील मे टेक्निशियन के तोर पर काम कर रहे थे तो मील का सिक्योरिटी गार्ड इनके पास आया और कहा आपको महमूद साहब बुला रहे है मनमोजी हैरान थे की महमूद साहब जैसे बड़े स्टार जो उन्हें जानते भी नहीं है भला वो इन्हे क्यों बुला रहे है

ज़ब ये बाहर गए तो देखा महमूद साहब अपनी एम्पाला कार के पास खडे है महमूद साहब ने इनसे हाथ मिलाते हुए कहा की क्या मे यहाँ अपनी गाड़ी मील कैम्पस मे पार्क कर सकता हु।

मेरी शूटिंग है पास ही फेमस स्टूडियो मे वहा गाड़ी खड़ी करने की उचित जगह नहीं है मे थोड़ी देर बाद अपने ड्राइवर के साथ आके कार ले जाऊँगा महमूद साहब जैसे दिग्गज कलाकार को मना करने का सवाल ही नहीं उठता तो मनमोजी ने कहा ठीक है आप निश्चिंत हो कर जाइये आपकी गाड़ी का ख्याल मे खुद रखूँगा और ज़ब महमूद साहब वापिस आये तो उन्होंने मनमोजी को शुक्रिया कहा और अपना कार्ड देके उन्हें अपने घर आने को कहा..
एक दिन मनमोजी उनसे मिलने घर गए तो सिक्योरिटी गार्ड ने कहा की महमूद साहब घर पर नहीं है मनमोजी ने कहा की भाई महमूद साहब ने ही मुझे बुलाया है मगर गार्ड नहीं माना हार कर मनमोजी वापिस जाने लगे वही इत्तेफ़ाक़ से महमूद साहब ने खिड़की से मनमोजी को देखा तो वह बिना चप्पल पहने दौड़े हुए निचे आये और मनमोजी को अंदर आने को कहा साथ ही गार्ड को भी समझाया की इनके लिए इस घर के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे ज़ब मनमोजी अंदर पहुँचे तो वहा मशहूर कॉमेडियन

मुकरी और भगवान दादा से मिले मनमोजी भी मज़ाकिया स्वभाव के थे तो इनकी उन लोगो से खूब जमी..

उसके बाद मनमोजी ने महमूद साहब के साथ कई फिल्मो मे छोटे छोटे रोल किये उन्ही दिनों सुनील दत्त फिरोज खान की फ़िल्म दरिंदा की कास्ट पर काम चल रहा था फ़िल्म के निर्देशक ने इनसे कहा अगर तुम गंजे हो सकते हो तो तुम्हे जॉनी वाकर साहब के साथ एक बढ़िया रोल दे सकते है फिर क्या था मनमोजी तुरंत बहार गए और नाइ की दुकान से गंजे हो कर तुरंत वापिस आ के निर्देशक के सामने खडे हो गए. अचानक से उन्हें गंजे रूप मे देख के तो सुनील दत्त साहब की तो हसीं ही नहीं रुक रही थी दरिंदा की रिलीज के बाद मनमोजी का गंजापन ही उनकी पहचान बन गया और उसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा।