विशेष

मस्जिद पर हमला,इमाम पर बरसाई ताबड़तोड़ गोलियाँ,गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती

नई दिल्ली:दहशतगर्दो का कोई ईमान धर्म नहीं होता. इसी बात को साबित करते हुए दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में एक मस्जिद के इमाम पर अज्ञात हमलावरों ने जानलेवा हमला किया,और उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया, इमाम मौलवी मोहम्मद अशरफ पर हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी में वो बुरी तरह से घायल होगए हैं।

घायल इमाम को स्थानीय हॉस्पिटल में भर्ती किया गया जहां वो मौत और ज़िन्दगी के बीच लड़ाई लड़ रहे हैं,मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार सुबह कुछ अज्ञात हमलावरों ने पुलवामा जिले के परिगाम इलाके की एक मस्जिद के इमाम 45 वर्षीय मौलवी अशरफ पर अचानक हमला किया और गोली उनके दोनों पैरो में जा धंसी जसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया है. जहा उनकी हालत में सुधार न देखते हुए उन्हें श्रीनगर रेफर किया गया है।

फ़िलहाल उन पर से खतरा टाला नहीं है.पुलवामा के एसएसपी मोहम्मद असलम चौधरी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मौलवी अशरफ के पैरों पर फायरिंग की गई है. उन्होंने कहा कि मामले की तफ्तीश शुरू कर दी गई है और जल्द ही हमलावरों को गिरफ्तार किया जाएगा।

परिगाम मस्जिद के इमाम मौलवी अशरफ बिजबेहाड़ा के मूल निवासी है. दहशतदर्दो का कोई ईमान नहीं होता क्योकि इससे पहले ईद पर घर जाते सेना के जवान ओरंगजेब और कल ही शोपियां में पुलिसकर्मी जावेद अहमद डार को अगवा कर हत्या कर दी है. वही कश्मीर में शांति के लिए प्रयासरत रहे पत्रकार शुजात बुखारी को भी हाल ही में गोलियों से भून दिया गया था।

घाटी में बढ़ती हुई आतंकी घटनाओं से एक बात साफ होने लगी है इन आतंकियों को किसी धर्म और इंसानियत कोई रिश्ता नही है,ये सिर्फ दहशत और खोफ के लिये कभी भी किसी को भी निशाना बना सकते हैं,जो लोग आतंकवाद को इस्लाम और मुसलमानों से जोड़ते हैं उनके तर्क बिल्कुल गलत और वास्तविकता से कोसो दूर हैं।

जम्मू कश्मीर में आज़ादी के बाद से कुछ असमाजिक लोगों ने कशमीर को अलग करने की मांग करी थी और भारत से अलग होने की माँग करी थी,जिसके कारण आये दिन उग्र प्रदर्शन होते रहते हैं,और घाटी का माहौल खराब होता रहता है,जिसका फायदा उठाकर असमाजिक लोग सीधी साधी जनता उनके बहकावे में आजाती है।