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#महाराष्ट्र_कर्नाटक_सीमा_विवाद हिंसक रूप धारण कर सकता है, कर्नाटक के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के लोगों की भावनाएँ भड़का रहे हैं : रिपोर्ट

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर फडणवीस ने शाह से बात की; विपक्ष ने भाजपा, केंद्र की आलोचना की

मुंबई/बेंगलुरु, सात दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कर्नाटक के साथ सीमा विवाद को लेकर उत्पन्न मौजूदा स्थिति के समाधान के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की। वहीं, विपक्षी दलों ने मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की और सीमा मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र पर निशाना साधा।.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की और उन्हें पिछले एक सप्ताह में कर्नाटक के साथ हुए सीमा विवाद से जुड़े घटनाक्रम की जानकारी दी। फडणवीस के कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, शाह ने दशकों पुराने सीमा विवाद पर महाराष्ट्र के रुख पर उपमुख्यमंत्री की राय धैर्यपूर्वक सुनी।.


ANI_HindiNews
@AHindinews
मैंने स्वयं कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बात की है और उन्हें कहा है कि इस प्रकार की घटना होना ठीक नहीं है। अगर महाराष्ट्र की गाड़ियों पर हमला हो रहा है तो ये ठीक नहीं है: महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुंबई

Sanjay Nirupam
@sanjaynirupam

कर्नाटक के मुख्यमंत्री रोज़ महाराष्ट्र के लोगों की भावनाएँ भड़का रहे हैं।
#महाराष्ट्र_कर्नाटक_सीमा_विवाद हिंसक रूप धारण कर सकता है।
दोनों राज्य बीजेपी के पास हैं।
बेहतर होगा, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हस्तक्षेप करे और मामला शांत करे।
वरना,बीजेपी को ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है।

‘उठो मराठा उठो, हिंसा के लिए दिल्ली जिम्मेदार’, सीमा विवाद पर बोले राउत, बावनकुले ने किया पलटवार

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बढ़ते सीमा विवाद को लेकर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने आज केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। राउत ने कहा कि सीमा पर हिंसा की घटनाएं दिल्ली के समर्थन के बिना नहीं हो सकती हैं। राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा और कहा कि राज्य इस तरह के हमलों का मुकाबला करने में कमजोर दिखाई देता है।

राउत ने ‘उठो मराठा उठो’ के नारे लगाए
राज्यसभा सदस्य राउत ने ट्वीट में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मराठी लोगों और वाहनों पर दिल्ली के समर्थन के बिना बेलगावी में हमला नहीं किया जा सकता है। महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। मराठी स्वाभिमान की रीढ़ तोड़कर उसे खत्म करने का खेल शुरू हो गया है। बेलगावी में हुआ हमला उसी साजिश का हिस्सा है। उठो मराठा उठो!

बेलगावी को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करें: राउत
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा बेलगावी को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करें। उन्होंने कहा कि लोग राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के नेतृत्व में बेलगावी जाने के लिए तैयार हैं। राकांपा शिवसेना (यूबीटी) की सहयोगी है और शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के बाद इस साल जून में उनकी सरकार गिरने से पहले कांग्रेस के साथ दोनों दल महाराष्ट्र में सत्ता में थे। शिंदे ने बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से सरकार बनाई।

राउत ने सीएम शिंदे पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कहते हैं कि उन्होंने एक क्रांति पैदा की है। यह किस तरह की क्रांति है, इसे इस बात से देखा जा सकता है कि इन हमलों का मुकाबला करने के लिए राज्य किस तरह कमजोर दिख रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों ने यह कहकर शिवसेना छोड़ी कि उनमें स्वाभिमान है, उन्होंने अब चुप रहने का फैसला किया है।

भड़काना बंद करो, नहीं तो सब्र खो जाएगा: बावनकुले
इस बीच महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को संजय राउत की राज्य और केंद्र सरकारों के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा। बावनकुले ने ट्वीट कर कहा कि संजय राउत, भड़काना बंद करो। नहीं तो सब्र टूट जाएगा।

चंद्रशेखर बावनकुले मुंबई के भाजपा क्षेत्रीय कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि संजय राउत को जेल में सीखी गई भाषा जैसे ‘पागल’ और ‘नपुंसक’ का इस्तेमाल कर हमें भड़काना और चुनौती देना बंद करना चाहिए। नहीं तो हम सब्र खो देंगे और भारतीय जनता पार्टी सड़कों पर उतर आएगी। उन्होंने आगे कहा कि राउत को राज्य का राजनीतिक माहौल और सामाजिक माहौल खराब नहीं करना चाहिए, नहीं तो लोगों का धैर्य टूट जाएगा और अगर यह टूट गया, तो इसे रोकना मुश्किल होगा।

राउत को परिणामों की चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि संजय राउत को व्यक्तिगत रूप से नेताओं का अपमान नहीं करना चाहिए। उनके (संजय राउत के) शब्द उलटे पड़ सकते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा का मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय में है। इसे अदालत में ही हल किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि यह जानते हुए भी कि यह मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय में हल हो जाएगा, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के लिए यह घोषणा करना उचित नहीं है कि वह स्वयं सीमा क्षेत्र में जाएंगे। यदि वे सीमा क्षेत्र में जाना चाहते हैं, तो सवाल उठता है कि वे पहले क्यों नहीं गए।