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मुस्लिम दुकानदार की बेटी ने टॉप किया झारखण्ड बोर्ड- तीन घण्टे लगते थे स्कूल आने जाने में,रँग लाई मेहनत

नई दिल्ली: “तुम ही न चाहो तो बहाने हज़ार हैं” इस शेर को सच कर दिखाया है गरीब परिवार से सम्बन्ध रखने वाली नायाब आरज़ू ने जिसने झारखण्ड बोर्ड को टॉप किया है,नायाब की मेहनत और लगन का अंदाज़ा इस बात से लगाया जासकता है कि उसको स्कूल जाने के लिये तीन घण्टे से भी ज़्यादा का समय लगता था,अगर वो चाहती तो घर बैठ सकती थी और पढ़ाई छोड़कर स्कूल दूर होने का बहाना बना सकती थी,लेकिन उसने तमाम चुनोतियों से लड़ते हुए टॉप करके अपने माँ बाप का नाम रोशन किया है।

आरज़ू के परिवार की आर्थिक स्थिति भी काफी मजबूत नही है पिता एक दुकान चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं,और उसी में मेहनत करके उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाया है जिसने उनका नाम देशभर में रोशन कर दिया है।

नायाब आरजू ने राज्य स्तर पर टॉप किया है उनके सपने भी उतने ही ऊँचे हैं वो अब आगे पढ़ाई पूरी करके और कामयाब होकर संस्थान की प्रबंधक बनना चाहती हैं ताकि देश का भविष्य संवार सके।

नायाब ने बताया कि वह अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए इंटरमीडिएट के बाद बीकॉम ऑनर्स और उसके बाद एमबीए करने की सोच रखी है। वह कहती हैं कि वह अपने दम पर।

नायाब कहती हैं कि उन्होंने पढ़ाई तो सामान्य रूप से की थी, पर टॉपर बन जाऊंगी सोचा नहीं था। स्कूल में भी सामान्य अंक आते थे, लेकिन परीक्षा के दौरान सभी से दूरी बना ली थी। केवल सफल होना ही लक्ष्य था।

उनहोंने बताया कि इसमें बड़े भाई ने भी मदद की। नायाब के पिता हसन अंसारी का हाजी चौक और कटहल मोड़ पर मोटर पार्ट्स की दुकान है। वह कहती हैं कि पिता का परिश्रम मुझे सफल होने की प्रेरणा देता है। टॉपर बनने पर नायाब काफी खुश हैं।