देश

मॉब लिंचिंग पर मोदी सरकार हुई चिंतित -नया कानून बनाने के लिये उठाया ठोस कदम-देखिए …

नई दिल्ली: देशभर में भय का माहौल पैदा करने वाली मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर केंद्रीय सरकार में कुछ हलचल शुरू हुई है, घटनाओं से चिंतित होकर केंद्र सरकार ने इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का फैसला किया है। इसके तहत केंद्र ने गृहसचिव की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है।

यह कमेटी चार हफ्ते के भीतर मॉब लिंचिंग के रोकने के उपायों पर अपनी रिपोर्ट देगी। इसके साथ ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में मंत्रियों के समूह (जीओएम) भी बनाया है। जीओएम कमेटी की शिफारिशों पर विचार करेगी। जीओएम इन मामलों पर अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपेगी।

गौरतलब है कि गृहमंत्री अब तक कहते रहे है कि यह मामला कानून व्यवस्था से जुड़ा और इसे रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अब यह कदम दरअसल मॉब लिंचिंग को अपराध की श्रेणी में लाने की कवायद का हिस्सा है।

केंद्र की तैयारी है कि मॉब लिंचिंग को दंडनीय अपराध में शामिल करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में संशोधन कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 17 जुलाई को केंद्र सरकार से मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान करने का आदेश देते हुए कई दिशानिर्देश भी जारी किया था।

गृहमंत्री के नेतृत्व वाली जीओएम में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सड़क परिवाहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत शामिल हैं