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मोदी को लिखे पत्र में कन्हैया ने कहा ‘मीट या वीडियो बदलने से नहीं बदलेगा देश’

Kanhaiya-kumar

नई दिल्ली । जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुले पत्र में पूछा कि क्या दादरी में अख़लाक़ के घर से मीट का सेम्पल और जेएनयू मामले का वीडियो बदले जाने से देश बदलेगा । पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कन्हैया कुमार ने आरोप लगाया कि सभी विश्वविद्यालयों में आपातकाल जैसे हालात बना दिए गए हैं और ‘मीट’ या ‘वीडियो’ बदलने से देश में वास्तविक बदलाव नहीं होगा।

मोदी को एक खुले पत्र में कन्हैया ने दादरी की घटना का जिक्र किया जहां एक व्यक्ति को इस संदेह के आधार पर पीट-पीटकर मार दिया गया था कि उसके परिवार ने अपने घर में गोमांस रखा था और खाया था। कन्हैया जेएनयू में नौ फरवरी के एक विवादास्पद आयोजन से जुड़े कथित वीडियो का भी जिक्र कर रहा था।

कन्हैया ने पत्र में लिखा, ‘मोदीजी, मीट या वीडियो को बदलने से देश नहीं बदलेगा। देश तब बदलेगा जब उसके लोगों की हालत सुधरेगी। आपके शासनकाल में चीजें केवल बद से बदतर हुई हैं। युवाओं और छात्रों ने बड़ी उम्मीद के साथ आपको चुना था।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि हर विश्वविद्यालय में आपातकाल की स्थिति बन गयी है।

क्या आप इसी हालात का वादा कर रहे थे, जब आप पूरे देश में ‘अच्छे दिन’ के नारे लगा रहे थे।’ कन्हैया फरवरी में जेएनयू परिसर में एक आयोजन के सिलसिले में देशद्रोह के एक मामले में जमानत पर है। यह आयोजन संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी पर लटकाने के खिलाफ था। आयोजन में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगे थे।

पत्र में लिखा गया, ‘अगर आपने पिछले दो साल में विकास किया होता तो आप को इसका प्रचार करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च नहीं करने होते। मैं आपसे एक विद्यार्थी के तौर पर सवाल कर रहा हूं। आपने विज्ञापनों पर 200 करोड़ रुपए खर्च कर दिए लेकिन आपके पास रिसर्च स्कॉलरों के लिए गैर-एनईटी छात्रवृत्ति के लिहाज से 99 करोड़ रुपए नहीं हैं।’ खत के मुताबिक, ‘कोई नयी नौकरी नहीं पैदा हुई, किसान हताशा में और साहूकारों के आतंक के कारण खुद की जान ले रहे हैं।’