भारत सरकार ने संसद में कहा है कि सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों से भी राम सेतु के होने के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. सालों से राम सेतु के अस्तित्व पर चल रहे विवाद के बीच सरकार के इस बयान को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
Swati Mishra
@swati_mishr
मोदी सरकार ने संसद में कहा है कि रामसेतु के ठोस सबूत नहीं हैं. 2007 में मनमोहन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उसके मानव निर्मित होने के वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं, इतना विरोध हुआ कि हलफनामा वापस लेना पड़ गया था.
एक मौखिक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने राज्य सभा में कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच जहां राम सेतु के होने की बात की जाती है वहां के सैटेलाइट चित्रों के आधार पर सटीक रूप से यह कह पाना मुश्किल है कि वहां किस तरह का ढांचा था.
सिंह ने राज्य सभा को बताया कि इन चित्रों में उस इलाके में कुछ द्वीप और चूने के पत्थर के ढेर तो नजर आते हैं लेकिन इन्हें सटीक रूप से किसी पुल के अवशेष नहीं कहा जा सकता. सवाल बीजपी के संसद कार्तिकेय शर्मा ने पूछा था. शर्मा जानना चाह रहे थे कि क्या सरकार भारत के प्राचीन इतिहास के वैज्ञानिक आकलन की कोई कोशिश कर रही है या नहीं.
Whether the Govt is making efforts for conducting scientific assessment of glorious history and historical facts of India from the Vedic period to the present day and introducing it into the curriculum? (My question in RS) pic.twitter.com/Tu6MrtiFCP
— Kartik Sharma (@Kartiksharmamp) December 22, 2022