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मोहन भागवत ने अमेरिका, रूस और चीन पर अलग-अलग समय में ज़ोर-ज़बरदस्ती से काम करने का आरोप लगाया!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अमेरिका, रूस और चीन पर अलग-अलग समय में ज़ोर-ज़बरदस्ती से काम करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा, “बड़े होकर बाक़ी देश क्या करते हैं, डंडा चलाते हैं. पहले रूस चलाता था, उसको अमेरिका ने गिरा दिया और अपना डंडा शुरू किया.”

भागवत ने कहा, “अब चीन आया है, वो अमेरिका को पीछे छोड़ देगा, ऐसा लगता है. इसलिए यूक्रेन को मोहरा बनाकर रूस और अमेरिका लड़ रहे हैं और भारत को कह रहे हैं कि हमारी तरफ़ आओ, और हमारा पक्ष लो.”

भागवत ने कहा, “भारत कहता है कि आप दोनों मेरे दोस्त हो और जो आप दोनों के बीच मर रहा है, वो भी मेरा दोस्त है. पहले मैं उसको राहत पहुंचाता हूं. अभी मैं आपका और उनका पक्ष नहीं लेता, ये लड़ाई का ज़माना नहीं है, लड़ाई बंद करो. ये कहने वाला भारत खड़ा हुआ है. पहले हिम्मत नहीं थी अपनी, धर्म के लिए बढ़ रहा है.”

उनके अनुसार, “श्रीलंका चीन से पाकिस्तान से दोस्ती करता था. हमें दूर रखता था. जब ख़तरे में पड़ा तो दुनिया का एक ही देश उसकी मदद के लिए आगे आया और वो भारत था. क्योंकि धर्म मानने वालों का देश दुनिया में कभी भी लाभ नहीं उठाएगा. परस्पर जीने के लिए हम एक-दूसरे का लाभ उठाते हैं, लेकिन वो प्रेम का लेन-देन होता है, सौदे का नहीं.”

भागवत ने कहा, “भारत लाभ लेगा, क्यों नहीं लेगा? लेकिन जब हमारे लाभ की किसी और को आवश्यकता है, हमारा कमाया हुआ उससे कोई और भूखा जीवित रह सकता है, तो भारत देने वाला देश है.”