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मोहम्मद ज़ुबैर और तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने क्या कहा

 

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने भारत में ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी के मामले में कहा कि पत्रकारों को लिखने, ट्वीट करने और कहने के लिए जेल नहीं होनी चाहिए.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि ये ज़रूरी है कि लोगों को किसी भी तरह के उत्पीड़न डर के बिना अभिव्यक्ति की आज़ादी मिले.

फै़क्ट-चेकिंग वेबसाइट ‘ऑल्ट न्यूज़’ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को ट्वीट के ज़रिए धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में सोमवार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.

उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. मंगलवार को उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया और अदालत ने उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

पत्रकार ज़ुबैर की गिरफ़्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए महासचिव के प्रवक्ता स्टीफ़न दुजारिक ने कहा, ”दुनिया भर में किसी भी जगह, ये बहुत महत्वपूर्ण है कि लोगों को ख़ुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने की इजाज़त दी जाए. पत्रकारों को ख़ुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने की इजाज़त दी जाए, किसी ख़तरे या उत्पीड़न के बिना.”

उन्होंने कहा, “पत्रकार जो लिखते हैं, जो ट्वीट करते हैं और जो कहते हैं, उसके लिए उन्हें जेल नहीं होनी चाहिए, और ये नियम दुनियाभर में एक समान लागू होना चाहिए, यहाँ तक कि इस कमरे में भी.”

इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी को लेकर चिंता जताई है. संस्था ने ट्वीट कर लिखा है कि तीस्ता सीतलवाड़ और दो अन्य पूर्व पुलिस अधिकारियों को तुरंत रिहा किया जाए. 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों का साथ देने और उनके काम के कारण उन पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.

पिछले दिनों गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई से गिरफ़्तार किया था. तीस्ता सीतलवाड़ के ख़िलाफ़ कार्रवाई गुजरात दंगों से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका ख़ारिज होने के एक दिन बाद हुई.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2002 में हुए गुजरात दंगे में पीएम मोदी और अन्य 59 को एसआईटी से मिली क्लीनचिट को चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया था. एक दशक से अधिक समय तक चली इस क़ानूनी लड़ाई में तीस्ता सीतलवाड़ के संगठन ने याचिकाकर्ता जकिया जाफ़री का साथ दिया था.

गुजरात पुलिस ने आपराधिक साज़िश, धोखाधड़ी, अदालत के सामने झूठे साक्ष्य पेश करने के आरोप में उन्हें गिरफ़्तार किया था. मामला गुजरात दंगों से जुड़ा है.

लेकिन बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने ट्वीट कर लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार को ये पता नहीं है कि वो क्या बोल रहे हैं. आप भारत के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद कीजिए क्योंकि आपको इस विषय की जानकारी नहीं है.