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यूक्रेन से वार्ता के लिए राज़ी हुए पुतीन : अमरीका के भूतपूर्व विदेशमंत्री ने कहा-नेटो में यूक्रेन की सदस्यता की प्रस्ताव देना ग़लत था : रिपोर्ट

कैसेंजर कहते हैं कि नेटो में यूक्रेन की सदस्यता का प्रस्ताव एक बहुत बड़ी ग़लती थी जो यूक्रेन युद्ध का कारण बना।

अमरीका के भूतपूर्व विदेशमंत्री हैनरी कैसेंजर ने वाॅल स्ट्रीट जनरल को दिये साक्षात्कार में कहा कि क्रीमिया और सेवेस्तोपोल को पुनः वापस लेने का यूक्रेन का प्रयास, पूरे विश्व पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।

उन्होंने कहा कि सेवेस्तोपोल इतिहास में कभी भी यूक्रेन का हिस्सा नहीं रहा। रूस के हाथो इस नगर का निकल जाना इस देश की अखण्डता को ख़तरे में डाल सकता है। कैसेंजर कहते हैं कि मुझको नहीं लगता कि यह दुनिया के लिए उचित होगा।

कैसेंजर का कहना है कि नेटो में यूक्रेन को शामिल करने की अमरीकी इच्छा, एक बहुत बड़ी ग़लती है और यही विषय यूक्रेन युद्ध का कारण बना है। इससे पहले एक अन्य साक्षात्कार में भी अमरीका के भूतपूर्व विदेशमंत्री यह कह चुके हैं कि यूक्रेन को नैटो की सदस्यता का निमंत्रण ही एसे परिवर्तनों का कारण बना जिनके परिणाम स्वरूप यूक्रेन युद्ध हुआ।

हेनरी कैसेंजर ने याद दिलाया कि सन 2014 में जब यूक्रेन को नेटो की सदस्यता का न्योता दिया गया था तो मैंने उसका कड़ा विरोध किया था। वे कहते हैं कि इस बात के लिए मैं पहले से राज़ी नहीं था।

याद रहे कि यूक्रेन संकट को आरंभ हुआ अब 16 महीनों का समय गुज़र रहा है। इस दौरान यूक्रेन वासियों को कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ा है जिसको वे आज भी सहन कर रहे हैं।

यूक्रेन से वार्ता के लिए राज़ी हुए पुतीन

रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन के साथ वार्ता की तत्परता की घोषणा की है।

लो फिगारों समाचारपत्र की वेबसाइट के अनुसार रूसी राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन ने शुक्रवार को ब्राज़ील के अपने समक्षक के साथ टेलिफोन पर वार्ता की।

लोला डिसिल्वा के साथ टेलिफोनी वार्ता में पुतीन ने यूक्रेन के साथ वार्ता आरंभ करने की तत्परता जताई। इस सूत्र के हिसाब से ब्राज़ील के राष्ट्रपति डिसिल्वा पहले की ट्वीट के माध्यम से यह घोषणा कर चुके हैं कि उनका देश रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है।

इसी बीच शुक्रवार को जर्मनी के चांस्लर ने ट्वीट करके बताया है कि समय आने पर वे यूक्रेन के बारे में रूसी राष्ट्रपति के साथ वार्ता करने के लिए तैयार हैं।

24 फरवरी 2022 से जबसे यूक्रेन युद्ध आरंभ हुआ है उस समय से अबतक रूस तथा यूक्रेन के प्रतिनिधिमण्डलों के बीच कई स्तरों पर वार्ताएं हो चुकी हैं किंतु इनमें से किसी में भी एक व्यापक संघर्ष विराम पर सहमति नहीं बन पाई। इससे पहले भी कई बार संघर्षरत पक्षों के बीच वार्ता का मुद्दा उठता रहा है किंतु अभी तक इस बारे में किसी ने गंभीरता से कोई क़दम नहीं उठाया है।

रूस की ओर से बारंबार यह कहा जाता रहा है कि जबतक पश्चिम विशेषकर अमरीका की ओर से यूक्रेन के लिए हथियारों की आपूर्ति जारी रहेगी उस समय तक यूक्रेन युद्ध को रोकना संभव नहीं होगा। यूक्रेन युद्ध में पश्चिम, कीव के साथ खड़ा है।