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यूरोपीय देशों को ईरान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से परहेज़ करना चाहिये : तेहरान

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने ईरान में होने वाले हालिया उपद्रवों के बारे में यूरोपीय देशों के दृष्टिकोणों की ओर संकेत करते हुए कहा कि हम कहते हैं कि यूरोपीय देशों को ईरान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से परहेज़ करना चाहिये।

विदेशमंत्रालय के प्रवकता नासिर कनआनी ने आज सोमवार को अपनी साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेन्स में पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया और कहा कि जो देश हमारे खिलाफ दावा करते हैं वे स्वयं मानवाधिकारों के हननकर्ता हैं।

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने ईरान के संदर्भ में फ्रांसीसी अधिकारियों के दावों के बारे में कहा कि हमने पहले ही अच्छे और बुरे आतंकवादियों के विभाजन के संबंध में यूरोपीय व पश्चिमी देशों के व्यवहार को देखा और अब देख रहे हैं कि वे उपद्रवियों को भी अच्छे और बुरे में बांट रहे हैं और अगर यह उपद्रव ईरान में होता है तो उपद्रवी अच्छे हैं और उनके खिलाफ कुछ नहीं किया जाना चाहिये परंतु यूरोप को उपद्रवियों के खिलाफ कार्यवाही का अधिकार हासिल है।

उन्होने कहा कि हमारे खिलाफ बात करने वाले देश दूसरों को नसीहत करने के लिए लाएक नहीं हैं और जो देश ईरान पर हमले का समर्थन करते हैं उनमें से अधिकांश मानवाधिकार हनन के विभिन्न अपराध अंजाम दिये हैं। कुछ देश हैं जो आतंकवादी गुटों के मेज़बान हैं और उन्होंने विभिन्न अपराध अंजाम दिये हैं कि निश्चित रूप से यह कृत्य पूरी तरह पाखंडी है। हम मानवाधिकार की रक्षा का दम भरने वाले देशों को बुद्धि से काम लेने की सिफारिश करते हैं कि वे खुद अपने ग़रीबान में झांके और उसके बाद दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ायें।

उन्होंने फिलिस्तीन समस्या की ओर संकेत किया और कहा कि ईरान का दृष्टिकोण साफ व स्पष्ट है कि फिलिस्तीन के मूल निवासियों में जनमत संग्रह कराया जाये ताकि समूचा फिलिस्तीनी राष्ट्र और फिलिस्तीनी गुट उस रेफरेन्डम में भाग ले सकें और ईरान ने फिलिस्तीन समस्या के सामधान में अपना दृष्टिकोण राष्ट्रसंघ में पंजीकृत करा दिया है।