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यूरोप मे एक नया युद्ध हो सकता है : ऊर्जा संकट ने यूरोप को घुटनों पर ला दिया है : ख़ास रिपोर्ट

यूक्रेन भेजे जाने वाले हथियार, आतंकियों के हाथ लग रहे हैंः रूस

रूस का कहना है कि यूक्रेन को भेजे जाने वाले हथियार, आतंकवादी कार्यवाहियों के लिए प्रयोग हो रहे हैं।

स्पूतनिक समाचार एजेन्सी के अनुसार रूस के गृहमंत्री विलेदिमीर काला कोलटेस्फ ने कहा है कि पश्चिम की ओर से जो हथियार यूक्रेन को भेजे जा रहे हैं वे आतंकवादियों के हाथों लग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन भेजे जाने वाले अधिकांश हथियार, यूरोप में सुनियोजित अपराध करने वाले गुटों और आतंकवादियों को मिल रहे हैं। यूरोपीय संघ और अमरीका अबतक यूक्रेन के लिए करोड़ों डाॅलर के हथियार भेज चुके हैं जिनमें से अधिकांश अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते हैं।

रूस के अनुसार वे हथियार जो ब्लैक मार्किट के माध्यम से यूक्रेन भेजे जाते हैं उनमें से अधिकाश, विध्वंसकारी गुटों के ही हाथ लग जाते हैं जिनका वे दुरूपयोग करते हैं। रूस का कहना है कि सहायता के नाम पर भेजे जाने वाले हथियार अब क्षेत्र की स्थिरता के लिए ख़तरा बन गए हैं।

रूस की ओर से इससे पहले इस बारे में चेतावनी दी जा चुकी है कि पश्चिम की ओर से यूक्रेन के लिए हथियार भेजने से युद्ध लंबा खिंचेगा जिसकी ज़िम्मेदारी हथियार भेजने वालों पर होगी। रूस के अतिरिक्त कुछ अन्य देशों ने भी यूक्रेन के लिए हथियारों की सप्लाई का विरोध किया है।

फ़्रांस के पूर्व परिवहन मंत्री और यूरोपीय संघ के वर्तमान सांसद यूरोप द्वारा यूक्रेन को हथियार भेजे जाने का विरोध कर चुके हैं। थेरी मैरिएनी ने कहा है कि अमरीका के आर्थिक हितों की पूर्ति से हमें बचना चाहिए। मैरिएनी के अनुसार इस समय यूरोप, अमरीका के प्रमुख व्यापारिक प्रतिनिधि के रूप में सक्रिय है। उन्होंने कहा कि हमको एसे युद्ध में घसीटा जा रहा है जो दूसरों से संबन्धित है। उनका कहना था कि मेरा मानना है कि यूक्रेन को किसी भी स्थति में हथियार न भेजे जाएं। यूरोपीय संघ के इस सांसद के अनुसार यूक्रेन के लिए हथियार भेजकर क्या हम लोगों को क़त्ल कराने के दोषी नहीं हैं?

ऊर्जा संकट ने यूरोप को घुटने टिका दिेयेः हंगरी

हंगरी के प्रधानमंत्री ने कहा है कि ऊर्जा संकट ने यूरोप को पूरी तरह से घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

विक्टर मिहाली ओरबेन ने कहा कि रूस को कमज़ोर करने के उद्देश्य से लगाए जाने वाले पश्चिम के प्रतिबंध, सफल नहीं रहे बल्कि इनका नतीजा उल्टा निकला।

उन्होंने कहा कि आज इन्हीं पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण यूरोप में ऊर्जा संकट ने जन्म लिया है। उनका कहना है कि इसी ऊर्जा संकट ने अब यूरोप को बहुत बुरे संकट में फंसा दिया है।

हंगरी के प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस के विरुद्ध पश्चिम ने जो हज़ारों प्रतिबंध लगाए उनके परिणाम वैसे नहीं निकले जैसा पश्चिमी चाहते थे बल्कि उन्होंने उल्टे यूरोप को संकट में डाल दिया। उनका कहना था कि इन्ही प्रतिबंधों के परिणाम में आज यूरोप गंभीर ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है।

विक्टर ओरबेन के अनुसार इस समय रूस के विरुद्ध पश्चिम के ग्यारह हज़ार से अधिक प्रतिबंध लगे हुए हैं। इसके बावजूद रूस को कमज़ोर नहीं किया जा सका। इनका उल्टा परिणाम यह निकला कि यूरोप, गंभीर ऊर्जा संकट में फंसता चला गया। अब आने वाले जाड़े के मौसम में यह समस्या अधिक जटिल हो सकती है। हंगरी के प्रधानमंत्री के अनुसार यूरोप ने यदि अपना व्यवहार नहीं बदला तो फिर यह स्थति और ख़राब हो जाएगी जिसका अधिक नुक़सान आम लोगों को होगा।

उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ ने रूस के विरुद्ध अबतक 11800 से अधिक प्रतिबंध लगा रखे हैं। इनमें से 9200 प्रतिबंध, यूक्रेन युद्ध के बाद लगाए गए जबकि बाक़ी प्रतिबंध सन 2014 से लगे हुए हैं।

यूरोप मे एक नया युद्ध हो सकता हैः निकोस डेंडियास

यूनान के विदेशमंत्री ने यूरोप में एक नए युद्ध के बारे में चेतावनी दी है।

निकोस डेंडियास ने कहा है कि तुर्की की ओर से हमले की स्थति में यूनान अपनी रक्षा स्वयं ही करेगा। उन्होंने कहा कि एसे में यूरोप में यूक्रेन जैसा युद्ध आरंभ हो सकता है।

यूनान की सरकार ने नेटो, यूरोपीय संघ और राष्ट्रसंघ के महासचिव को पत्र भेजकर मांग की है कि वे आधिकारिक रूप में तुर्की के राष्ट्रपति के तनाव बढ़ाने वाले बयान की निंदा करें। यूनान के विदेशमंत्री का कहना था कि तुर्की के व्यवहार के बारे में नेटो, यूरोपीय संघ और राष्ट्रसंघ के महासचिव सबको अपनी प्रतिक्रियाएं देनी चाहिए। उनका कहना था कि इस मामले में गंभीरता न दिखाने से यूक्रेन युद्ध जैसे एक नए युद्ध की संभावना मज़बूत होती जा रही है। निकोस डेंडियास के अनुसार हम वास्तव में एसा नहीं चाहते हैं किंतु हालात कुछ एसे ही बनते जा रहे हैं।

तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने मंगलवार को पुनः यूनान को धमकी दी थी जिसकी प्रतिक्रिया में यूनान की ओर से कहा गया था कि वह अपनी सुरक्षा के लिए तैयार है। तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने यूनान को धमकी दी है कि अगर यूनान ने उनके जहाज़ों को डराने का क्रम बंद नहीं किया तो उसे भारी क़ीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा था कि तुर्किये कभी भी रात में यूनान पर एकदम से हमला कर सकता है।

याद रहे कि तुर्की और यूनान के बीच लंबे समय से मतभेद चले आ रहे हैं।तुर्किए और यूनान के बीच सीमावर्ती विवाद बहुत पुराना है। 1974 में साइप्रस के विभाजन और भूमध्य सागर में तेल मिलने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर दोनों ही देश कई बार युद्ध के दहाने तक पहुंच चुके हैं।