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यूसुफ पठान का गरीबी में मस्जिद के कमरे में गुज़ारा है बचपन-कड़ी मेहनत से बने हैं विस्फोटक बल्लेबाज

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी इरफान पठान और यूसुफ पठान दोनों बंधुओं ने देश के लिये खेल कर बहुत नाम कमाया है,यूसुफ अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी के लिये मशहूर हैं तो इरफान अपनी स्विंग गेंदबाज़ी के लिये जाने जाते हैं।

दोनों पठान बंधुओं ने घरेलू क्रिकेट से लेकर विदेशी मौदानों में दुनिया के बड़े से बड़े खिलाड़ी को अपनी क़ाबिलयत का लोहा मनवाया है,लेकिन इनके शानदार खेल के पीछे संघर्ष और परिश्रम की एक लम्बी कहानी है,जिसे कोई नज़र अनदाज़ नही कर सकता है।

पठान बन्धु एक गरीब फ़ैमली से ताल्लुक रखते थे इनके पिता मोहम्मद हनीफ वडोदरा की एक मस्जिद में मुअज़्ज़िन थे मस्जिद के पीछे बने छोटे से कमरे में इनकी फ़ैमली रहती थी। दोनों भाइयों का बचपन भी इसी मस्जिद में बीता है। इरफान अपने पिता और बड़े भाई यूसुफ के साथ मिलकर मस्जिद की साफ-सफाई भी किया करते थे। बताया जाता है कि दोनों भाई ने क्रिकेट खेलना भी इसी मस्जिद में सीखा। दोनों भाई अपने दोस्तों के साथ मस्जिद के पास में बने ग्राउंड में क्रिकेट खेला करते थे। बचपन में मस्जिद के सामने खेलने वाले इरफान पठान और यूसुफ पठान एक दिन इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी पहचान बनाएंगे, इसके बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा।

जब दोनों भाइयों ने जिताया था भारत को मैच

साल 2008-09 में इंडिया टीम श्रीलंका टूर पर गई। इस दौरान कोलंबो में दोनों टीम के बीच खेले गए एक टी-20 में श्रीलंका ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवरों में 4 विकेट खोकर 171 रन बनाए। इस स्कोर को देखते हुए टीम इंडिया की जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन टीम इंडिया की शुरुआत काफी खराब रही और वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर दोनों ही 14 के स्कोर पर आउट हो गए।

इसके बाद युवराज सिंह और सुरेश रैना ने मिलकर पारी संभाली। टीम इंडिया का स्कोर 16 ओवरों में 115 रन पर पहुंच गया, लेकिन इंडिया अपने 7 विकेट खो चुका था और जीत के लिए 29 बॉल पर 57 रनों की जरुरत थी।। क्रीज पर इरफान पठान और यूसुफ पठान मौजूद थे। टीम इंडिया की हार लगभग तय थी। ऐसे समय में दोनों भाईयों ने मिलकर 4 छक्के लगाए और टीम को जीत दिलाई। इस मैच में इरफान पठान ने 16 बॉल पर 33 रन और यूसुफ पठान ने 10 बॉल पर 22 रन बनाए थे।