जम्मू में कारगिल विजय दिवस समारोह में हिस्सा लेने पहुँचे देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज जो जम्मू-कश्मीर का स्वरूप है, उसे बनाए रखने में भारतीय सेना का महत्वपूर्ण योगदान है.
उन्होंने कहा, “पचास के दशक में पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में शायद ही कोई कार्रवाई की गई. कुछ छोटी-मोटी गतिविधियां ही हुई होंगी लेकिन उस समय (1962 के दौरान) लद्दाख में चीन की गतिविधियों से यह साफ़ हो गया था कि चीन के इरादे नेक नहीं हैं.”
”उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री थे. बहुत से लोग पंडित जवाहर लाल नेहरू की आलोचना करते हैं. मैं भी एक विशेष राजनीतिक दल से आता हूँ. मैं भारत के किसी भी प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं करना चाहता और ना ही मैं किसी भी प्रधानमंत्री की नीयत पर सवालिया निशान लगाना चाहता हूँ. मैं जानता हूँ कि नीयत में किसी की खोट नहीं हो सकता है, नीतियों को लेकर विवाद हो सकता है. नीतियों को लेकर तो आलोचना हो सकती है लेकिन नीयत को लेकर नहीं.”
#WATCH पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत की संसद में प्रस्ताव पारित हुआ था। पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा था, भारत का हिस्सा है और रहेगा। ये कैसा हो सकता है कि शिव के स्वरूप बाबा अमरनाथ हमारे यहां हो और मां शारदा शक्ति स्वरूपा LoC के पार हो: जम्मू में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह pic.twitter.com/YiHLdjeByG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 24, 2022