देश

रामचरितमानस विवाद और मोहन भागवत के बयान पर आज़ाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने कहा….!

रामचरितमानस विवाद (Ramcharitmanas) और संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान को लेकर अब आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि अगर किसी काव्य या महाकाव्य में अपमानजनक टिप्पणी की गई तो जिन लोगों ने भी उसकी ठेकेदारी ले रखी है उसमें तब्दीली करनी चाहिए. अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो इसका मतलब है कि उनकी सोच ही निम्न स्तर की है. उन्होंने कहा कि अगर मोहन भागवत दलितों के सच्चे हितैषी हैं तो जाति व्‍यवस्‍था को खत्‍म करने पर बात करनी चाहिए.

चन्‍द्रशेखर आजाद ने कहा कि आज भी एक जाति, समूह, महिलाओं और शूद्रों को अपमानित जीवन जीते हुए देखना चाहते हैं. यह लोकतंत्र और संविधान में बर्दाश्त करने योग्य नहीं है. मैंने-आपने उन पंक्तियों को पढ़ा है. ताड़ना शब्द को लेकर हो रही अलग-अलग व्याख्या पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग बताएं कि ताड़ना शब्द क्या मतलब है. उनके हिसाब से ताड़ना, खींचना, पीटना एक ही शब्द है. आज कुछ साथी कह रहे हैं कि ताड़ना का मतलब शिक्षा देने से है. तो अगर कोई हमारे पशुओं को भी शिक्षा देना चाहता है, तो भी उसके लिए तैयार हैं. जगह-जगह स्कूल खुले हैं वहां अपने पशुओं को भी भेजें.

मोहन भागवत के बयान पर बोले चंद्रशेखर आजाद

जातिवाद को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर वो जाति का ऊंच-नीच ब्राह्मणों पर छोड़ रहे हैं तो इतने लंबे समय से उनकी सरकार है इसे बदलने के लिए उन्होंने क्या किया है? जिस तरह से रामचरितमानस के विवाद पर जिन लोगों ने अपनी बात रखी उनसे जवाब मांगे उसी तरह आपको हिम्मत दिखाकर आरएसएस के मुखिया से भी आप इस पर जवाब मांगना चाहिए. ये कहना चाहते हैं कि ये सत्य है तो यह बुरा है कि जिन लोगों ने जाति बनाई, उन लोगों ने खुद को ऊपर रखा और बाकी लोगों को नीचे रखा.

चंद्रशेखर ने कहा कि मोहन भागवत जी और बीजेपी एक ही है. वो किनके लिए काम कर रहे हैं और किनके लिए वोट बटोरना चाहते हैं, यह आप अच्छे से जानते हैं. एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकने से अच्छा होता कि भागवत कहते कि वे जाति व्यवस्था खत्म करने की शुरुआत कर रहे हैं. इस बात का डर है कि आज शूद्रों की जो एक लाइन खींची गई है, कल मोहन भागवत जी ये न कहने लग जाए कि वह भी शूद्र हैं. उन्होंने कहा कि आज हमें जाति व्यवस्था खत्म करने पर बात करनी चाहिए. लेकिन इस पर बीजेपी की सरकार कुछ नहीं कर रही है.

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वे आजाद भारत के आजाद नागरिक होने के नाते कहते हैं कि कभी वर्ण व्यवस्था में रहते हैं. फिर जाति व्यवस्था में आ जाते हैं. कभी वे शूद्र रहते हैं. अछूत रहते हैं. आज उन्हें संवैधानिक रूप से एससी-एसटी, ओबीसी, माइनॉरिटी और जनरल के रूप में पहचान मिली है. लेकिन आज भी इस देश और प्रदेश में एससी एसटी और ओबीसी माइनॉरिटी के लोग बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं. देश में लाखों लोग भूखे पेट सोते हैं. देश में लाखों लोग बगैर छत के सोते हैं. देश में लाखों लोगों को अच्छा पानी नसीब नहीं हो पाता है