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रामदेव ने नई संसद के उद्घाटन के दिन पहलवानों, किसान संघों और खाप पंचायतों की ओर से घेराव करने का विरोध किया!

बाबा रामदेव ने नई संसद के उद्घाटन के दिन पहलवानों, किसान संघों और खाप पंचायतों की ओर से घेराव करने की योजना का विरोध किया है.

उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री देश की नई संसद का उद्घाटन कर रहे हैं. ये ऐतिहासिक क्षण है. कई पीढ़ियां इसको याद रखेंगीं. ये एक ऐसा अवसर है, जब हम संसद के माध्यम से देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं.”

”संसद लोकतंत्र का मंदिर है. देश के पांच लाख लोगों के बलिदान की बदौलत जो आजादी मिली है, उसका सम्मान का ये सर्वोपरि केंद्र है. जब ये गौरव पल घटित हो रहा है उस पल उसका घेराव करना ठीक नहीं है.”

उन्होंने कहा, ”इस तरह के आंदोलन से या संसद के घेराव जैसे कदम से खिलाड़ियों को दूर रहना चाहिए. जो लोग कल संसद का घेराव करने वाले हैं उन्हें इस पर फिर से सोचना चाहिए और जिन विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है, उन्हें भी अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.”

”मुझे विश्वास है कि हमारे पहलवान इस बात को समझेंगे और कल संसद की ओर नहीं बढ़ेंगे.”

महिला पहलवानों के यौन शोषण के ख़िलाफ़ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने एलान किया है कि 28 मई को नए संसद भवन के सामने एक बड़ी महिला महापंचायत की जाएगी.

साथ ही इस दिन संसद का घेराव किया जाएगा. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे.

महिला पहलवान 23 अप्रैल से बीजेपी सांसद और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.