देश

राम मंदिर और ओवैसी ने किया तीखा हमला,कहा बीजेपी संघ को राम मंदिर बनाने से किसने रोक है?

नई दिल्ली: जैसे जैसे चुनाव क़रीब आते जारहे हैं राम मंदिर के लिये आवाज़ उठनी शुरू होगई हैं,राम के नाम पर वोट माँगना कोई नई बात नही है,2019 चुनाव से ठीक पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर पर बयान देकर देश की राजनीति गर्मा दी है, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रीय हित का मुद्दा बताया।

उन्होंने कहा-जल्द से जल्द उचित कानून लाकर मंदिर बनाया जाना चाहिए. उन्होंने इस प्रक्रिया में बाधा डालने वाले लोगों की भी निंदा की. भागवत के बयान पर विपक्षी पार्टियों ने निशाना साधते हुए इसकी आलोचना की है. खासकर इस मामले में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सबसे तीखी प्रतिक्रिया दी है।

भागवत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, वह मंदिर बनाएं, आरएसएस और बीजेपी को किसने रोका है. जब एक देश सर्वसत्तावाद की ओर जाता है तो क्या होता है, ये इसका उत्तम उदाहरण है. बीजेपी और आरएसएस इसी में भरोसा करते हैं. बहुलतावाद और कानून में उनका कोई भरोसा नहीं है.

लोकसभा सदस्य ओवैसी ने कहा कि हाईकोर्ट ने यह साफ तौर पर कहा है कि किसी भी खास धर्म के लिए विशिष्ट कानून नहीं बनाया जा सकता है और यह संविधान का उल्लंघन होगा. अयोध्या मामले की सुनवाई अभी उच्चतम न्यायालय में चल रही है और इसकी अगली सुनवाई की तारीख 29 अक्टूबर है

दारूल उलूम फरगीमहल के मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने कहा कि देश में बच्चों को भी पता है कि राम मंदिर का मुददा चुनाव के समय ही हमेशा से उठता आया है. अब चूंकि कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए यह मुददा फिर से उठाया जा रहा है।

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी ने कहा कि भागवत पूर्व में भी ऐसे बयान दे चुके हैं, जिनमें उन्होंने जनता और सरकार से आग्रह किया कि 2019 से पहले मंदिर निर्माण सुनिश्चित किया जाए. हाईकोर्ट ने इस मुददे पर यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि यह खुली बात है कि जब भी आरएसएस और भाजपा भगवान राम की बात करते हैं तो समझ लेना चाहिए कि चुनाव नजदीक हैं. RSS प्रमुख ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाये जाने की मांग की।