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राहुल गाँधी को जेल भेजा जा सकता है, ख़तरा उनकी जान का भी है, आरएसएस का रिकॉर्ड बताता है कि वो अपने रास्ते में आने वालों को ज़िंदा नहीं छोड़ती है : रिपोर्ट

राहुल गाँधी ने दो ”मोदी” का नाम लेकर बयान कर्णाटक में दिया था, तीसरे मोदी को गुजरात में उस बयान से ठेस पहुंची और उसने रिपोर्ट दर्ज करवा दी, अदालत में उस मामले में राहुल गाँधी को दो साल की सज़ा सुना दी, लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गाँधी की सदस्य्ता समाप्त कर दी, ये सब कुछ जिस तरह से हुआ है, उससे ”षड़यंत्र” का होना साफ़ नज़र आता है, राहुल गाँधी सत्ता पक्ष की आँखों में खटक रहे हैं, और जिस तरह से कांग्रेस मुक्त, विपक्ष मुक्त भारत की बात की जाती है उससे ये स्पस्ट है कि जब किसी चीज़ से मुक्ति चाहिए होती है तो उसे पूरी तरह से मैदान से हटाया जाता है, कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के लिए राहुल गाँधी को रास्ते से हटाना ज़रूरी होगा, ऐसे में जो खेल देश में चल रहा है उसमे कहा जा सकता है कि जल्द ही राहुल गाँधी को जेल भेजा जा सकता है और ख़तरा उनकी जान का भी है, आरएसएस का रिकॉर्ड यही बताता है कि वो अपने रास्ते में आने वालों को ज़िंदा नहीं छोड़ती है

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को गुजरात की अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि मामले में दोषी क़रार दिए जाने और उन्हें दो वर्ष कैद की सज़ा सुनाए जाने के बाद अब भारतीय संसद के प्रमुख ने उनकी संसद की सदस्यता ख़त्म करने का आदेश जारी कर दिया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इधर कुछ वर्षों से भारत में जारी राजनीति उथल-पुथल अब अपने चरम पर पहुंच गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को गुजरात की अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि मामले में दोषी क़रार दिए जाने और उन्हें दो वर्ष कैद की सज़ा सुनाए जाने की वजह से उनकी संसद की सदस्यता ख़त्म हो गई है। कुछ विशेषज्ञों का कहना था कि दोषी क़रार दिए जाते ही केरल की वायनाड सीट से सांसद की लोकसभा सदस्यता ‘स्वतः’ ही अयोग्यता के दायरे में आ गई है, हालांकि कुछ अन्य का कहना था कि अगर राहुल गांधी दोषसिद्धि के फ़ैसले को पलटवाने में कामयाब हो जाते हैं, तो अयोग्यता से बच सकते हैं। वहीं कुछ कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, भले ही राहुल गांधी को ज़मानत भी मिल गई है और उन्हें इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी गई है, लेकिन अदालत के फ़ैसले की वजह से उनकी संसद सदस्यता पर ‘स्वतः अयोग्यता’ का ख़तरा पैदा हो गया है।

इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ हुई इस घटना पर अब पूरी दुनिया से प्रतिक्रायाएं सामने आ रही हैं। वहीं सोशल मीडिया पर भी इस घटनाक्रम को लेकर काफ़ी चर्चा हो रही है। लोगों का यह भी आरोप है कि राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में जो कहा था वह सच साबित होता हुआ दिखाई दे रहा है। बता दें कि राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपने एक भाषण में भारतीय लोकतंत्र के ख़तरे में होने की बात कही थी। वहीं लोग यह भी सवाल पूछ रहे हैं कि ऐसी भी क्या जल्दी थी कि अदालत ने केवल 15 मिनट में अपना फ़ैसला सुना दिया और वहीं संसद सभापति भी राहुल गांधी की बर्ख़ास्तगी का फ़रमान लिखे हुए रखे हुए थे। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने इसे राहुल को संसद से बाहर रखने की कोशिश करार देते हुए सत्‍तारूढ़ बीजेपी पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर आज विपक्षी नेताओं की बैठक भी बुलाई है।