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रूस : रिकॉर्ड वोटों से विधायक बने अभय सिंह, बिहार के युवा का जलवा, जानें छात्र से लेकर नेता बनने तक का सफर

अभय सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा पटना के लोयोला हाई स्कूल से पूरी की और 1990 के दशक की शुरुआत में चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए प्रांत के प्रशासनिक शहर कुर्स्क गए।

रूस में एक बार फिर से बिहार के युवा अभय सिंह ने परचम लहरा दिया है। दरअसल, अभय सिंह दूसरी बार भारी मतों से विधायक बन गए हैं। उन्होंने यह चुनाव कुर्स्क से जीता है। बता दें कुर्स्क एक प्राचीन शहर है जो 1943 में एडोल्फ हिटलर की सेना की हार के लिए जाना जाता है। अभय सिंह पुतिन की ‘यूनाइटेड रशा’ के टिकट पर चुनाव जीता है। पटना में जन्मे अभय सिंह ने कहा कि मैं राष्ट्रपति पुतिन से बहुत प्रभावित रहा और राजनीति में प्रवेश करने का फैसला लिया। दरअसल, ‘यूनाइटेड रशा’ रूस की सत्ताधारी पार्टी है जिसने हाल के आम चुनावों में देश की संसद (दूमा) में 75 फीसदी सांसद भेजे हैं, पिछले 18 वर्षों से पुतिन सत्ता में हैं।

पटना के रहने वाले हैं अभय सिंह
अभय सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा पटना के लोयोला हाई स्कूल से पूरी की और 1990 के दशक की शुरुआत में चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए प्रांत के प्रशासनिक शहर कुर्स्क गए। कुर्स्क राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद, अभय सिंह एक पंजीकृत चिकित्सक के रूप में अभ्यास करने के लिए पटना लौट आए। अभय सिंह की इच्छा के अनुसार चीजें नहीं हुईं। वह वापस कुर्स्क चले गए और मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश किया।

रूस में कैसे की शुरुआत?
उन्हें याद है कि ‘शुरुआत में बिजनेस करने में खासी मुश्किल होती थी क्योंकि मैं गोरा भी नहीं था, लेकिन हमने भी तय कर रखा था और कड़ी मेहनत के साथ अड़े रहेंगे।’ जैसे-जैसे अभय के पैर रूस में जमते गए व्यापार में भी बढ़ोत्तरी हुई। फार्मा के बाद अभय ने रियल एस्टेट में हाथ आजमाया और उनके मुताबिक ‘आज हमारे पास कुछ शॉपिंग मॉल भी हैं।’

रूसी राष्ट्रपति पुतिन से प्रभावित अभय को इस बात पर ‘गर्व है कि भारतीय होने के बावजूद वे रूस में रम गए और आज वहां पर चुनाव भी जीत चुके हैं।’ उन्होंने बताया कि आज भी कोशिश रहती है कि जब समय मिले तो बिहार जरूर आएं क्योंकि ‘सभी मित्र और रिश्तेदार पटना में ही हैं।