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**कबीर को, नानक को, रैदास को इसीलिए तकलीफें उठानी पड़ीं कि ये लोग सच बात कहते थे**
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =========== अगर ये पढ़ कर किसी को भी बुरा लगे तो माफ करना, परन्तु ईस पर बहस मत करना।। आपको अच्छी लगे तो चिंतन करना, हमें असली बाबा नहीं चाहिए… मेरी मां गलती से असली बाबा के पास चली गई। मेरी पत्नी की शिकायत करने लगी। कहा कि बहू ने बेटे को […]
#अम्मा नून कम है तरकारी में….
अरशिता ============= #अम्मा नून कम है तरकारी में । चूल्हे के पास बैठा टुकुन खाने का पहला निवाला मुंह में रखते हुए बोल पड़ा । “दे रहे हैं रुको । ” अम्मा ने इतना कहते हुए नमक के डिब्बे में हाथ लगाया तो टुकुन ने हाथ आगे कर दिया । “नहीं हाथ में नहीं देंगे […]
तभी उनकी निगाह बराबर में बैंच पर बैठी महिला की ओर गई और….
Ravindra Kant Tyagi ===================== ————— बिछोह ——— लन्दन के सेंट्रल पार्क का मौसम ऐसा ही था जैसा अकसर होता है. धुंध के गोले से हर तरफ तैर रहे थे. कंपकंपा देने वाली ठण्ड ने चारों तरफ एक सन्नाटा सा पसरा रखा था. फिर भी इक्का दुक्का लोग गर्म कपडे कसकर लपेटे हुए टहल रहे थे. […]