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वीरेंद्र सहवाग ने मुस्लिम इंजीनियर के बारे में शेयर करी झूठी फ़ोटो,जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर सच और झूठ के बीच अंतर करना बड़ा मुश्किल होजाता है,क्योंकि पूरी दुनिया एक छोटा सा गांव बन गया है,इन दिनों सोशल मीडिया एक फोटो वायरल होरही है, जिसमें बताया जा रहा है कि हिसामुद्दीन खान नाम के एक इंजीनियरिंग छात्र के पिता रिक्शा चलाने वाले हैं और कॉन्वोकेशन के दिन वो अपने मां-बाप को रिक्शे पर बैठाकर खुद उसको चलाकर घर तक ले गया। टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर रहे वीरेंद्र सहवाग ने ये स्टोरी अपने ट्विटर पेज पर शेयर की है।

चलिए अब आपको इस फोटो का सच बताते हैं। दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हुई ये फोटो तो सच है, लेकिन इसके साथ जुड़ी कहानी बिल्कुल अलग है। इस फोटो में जो शख्स रिक्शा चला रहा है, उसका नाम हिसामुद्दीन नहीं बल्कि वली उल्लाह है। वली भारत का नहीं बल्कि बांग्लादेश का रहने वाला है। उसकी फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक उसने अकाउंटेंसी एंड इनफॉरमेशन सिस्टम से ग्रैजुएशन किया है और वो भी यूनिवर्सिटी ऑफ ढाका से।

इस फोटो को शेयर करते हुए वली ने लिखा था, ‘मेरी मां मेरी जिंदगी का ताज हैं, इसलिए मेरी कॉन्वोकेशन कैप उनके लिए। मेरे पिता ने जिंदगीभर मुझे तकलीफों से बचाया है इसलिए मेरा कॉन्वोकेशन गाउन उनके शरीर पर ज्यादा जंच रहा है।’ अपनी वायरल हो रही फोटो के साथ गलत इनफॉर्मेशन को देखकर वली ने एक और फेसबुक पोस्ट लिखी और बताया कि उनके पिता रिक्शा चालक नहीं बल्कि किसान हैं।