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वेब सीरीज़ ‘यूपी 65’ की कहानी बीएचयू की है, आशीर्वाद भी गाली में ही देते हैं!

उत्तर प्रदेश में जिलों की चर्चा होने पर परिवहन कार्यालय से मिलने वाले गाड़ियों के नंबर के हिसाब से भी दादागिरी के किस्से खूब सुनने को मिलते हैं। कानपुर का नाम आए तो यूपी 78, लखनऊ का जिक्र चलने पर यूपी 32 का जिक्र इन बातों में खूब होता है। और, इस बार बात निकली है और पहुंची है जाकर ‘यूपी 65’ तक। यानी परिवहन कार्यालय से बनारस की गाड़ियों को मिलने वाले नंबर का पहला हिस्सा। वेब सीरीज ‘यूपी 65’ इसी बनारस के छात्र जीवन का भोंडा प्रदर्शन मालूम होती है।

वेब सीरीज ‘यूपी 65’ की कहानी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की है। इस विश्वविद्यालय की अपनी सांस्कृतिक विरासत रही है। पंडित मदन मोहन मालवीय ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना साल 1915 में की थी। तब से लेकर आज तक इस प्रांगण से जुड़ी न जाने कितनी कहानियां और किस्से लोगों को प्रभावित करते रहे हैं। बीएचयू की ही पृष्ठभूमि पर वेब सीरीज ‘यूपी 65’ का का ट्रेलर लांच हो चुका है, जिसे देखने के बाद पता चलता है कि यह सीरीज आईआईटी के नाम पर बना एक बेहूदा मजाक है।

ट्रेलर के मुताबिक वेब सीरीज ‘यूपी 65’ की कहानी आईआईटी पढ़कर इंजिनियर बनने का ख्वाब देखने वाले छात्रों पर पर है। आईआईटी में पढाई करने वाले छात्रों को वह सब करते दिखाया गया है जिसकी आम पारिवारिक जीवन में अनुमति नहीं है। एक बुजुर्ग का पैर छूने पर वह आशीर्वाद भी गाली में ही देते हैं। इस सीरीज में बात- बात में गाली गालौज, अश्लील बातें, एक दूसरे से झड़प, रोमांस, ब्रेकअप, एक दूसरे की टांग खिचाई, शराब- सिगरेट सब दिखाया गया है।

सचान के लिखे हिंदी उपन्यास ‘यूपी 65’ पर आधारित है। निखिल सचान खुद बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में पढ़ चुके हैं। वह कहते हैं, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि इस शो को उतना ही प्यार मिलेगा जितना लोगो ने मेरे उपन्यास को दिया। यह शो हमारे कॉलेज के दिनों को याद दिलाएगा और हमें अपने जीवन के सबसे अच्छे दिन इस सीरीज को देखकर याद आएंगे।’

वेब सीरीज ‘यूपी 65’ का निर्देशन गगनजीत सिंह ने किया है। सीरीज में प्रीतम जायसवाल, ऋषभ जायसवाल, सत्यम तिवारी, अब्बास अली, शरत सोनू की मुख्य भूमिकाएं हैं। यह सीरीज 8 जून को ओटीटी जियो सिनेमा पर रिलीज हो रही है।