साहित्य

*वेश्या बनी गुरु*….. By_R. S. Gupta

R. S. Gupta
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*🕉️ रात्रि कहानी 🕉️*
*वेश्या बनी गुरु*
विवेकानंद अमरीका जा रहे थे, तो राजस्थान में एक राज—परिवार में मेहमान थे। राजा ने उनके स्वागत में एक समारोह कियाः अमरीका जाता है संन्यासी। राजा तो राजा! उसने काशी से एक प्रसिद्ध वेश्या भी बुलवा ली। क्योंकि समारोह और बिना वेश्या के हो, यह तो उसकी समझ के बाहर था। नहीं तो समारोह ही क्या? वह तो दीवाली हुई बिना दीयों के। वेश्या तो होनी ही चाहिए। जब विवेकानंद को पता लगा—पता लगा आखिर—आखिर में; सांझ आ गयी उत्सव की और विवेकानंद को ले जाने के लिए द्वार पर आकर गाड़ी खड़ी हो गयी, तब उनको पता लगा कि एक वेश्या भी आई है समारोह में, वह विवेकानंद के सामने नाचेगी—तो विवेकानंद ने जाने से इनकार कर दियाः कि मैं नहीं जाऊंगा। मैं संन्यासी हूं, वेश्या का नृत्य देखूं! पास ही शामियाना था जहां विवेकानंद ठहरे थे, जहां उत्सव होनेवाला था। लेकिन राजा तो राजा, राजा ने कहा अब नहीं आते तो न आएं, उत्सव तो चलेगा ही। अब वेश्या भी आ गयी, मेहमान भी आ गए, शराब भी आ गयी, अब जलसा तो बंद नहीं हो सकता; तो उनके बिना चलेगा।


जलसा शुरू हुआ। लेकिन उस वेश्या ने बड़ा अद्भुत गीत गाया। उसने नरसी मेहता का एक भजन गाया। पास ही था शामियाना, *विवेकानंद को सुनायी पड़ने लगा नरसी मेहता के भजन उस वेश्या के टपकते आंसू और नरसी मेहता का भजन! नरसी मेहता के भजन में यह कहा गया है कि पारस पत्थर को इस बात की चिंता नहीं होती कि जो लोहा वह छू रहा है, वह पूजागृह में रखा जानेवाला लोहा है या कसाई के घर जिस लोहे से जानवरों की हत्या की जाती है, वह लोहा है। पारस पत्थर तो दोनों लोहों को छूकर सोना बना देता है।

तो वह वेश्या अपने गीत में कहने लगी कि तुम कैसे पारस हो? तुम्हें अभी वेश्या दिखायी पड़ती है! मैं तो कितने भाव लेकर आई थी, मैं तो कितने भजन संजोकर आई थी—वेश्या सच में भजन संजोकर आयी थी। सोचा वेश्या ने कि विवेकानंद, संन्यासी के सामने नृत्य करना, गीत गाने हैं, तो मीरां के भजन लायी थी, नरसी मेहता के भजन लाई थी; जीवन को धन्य समझा था, कि आज मेरा नृत्य भी सार्थक होगा।*

विवेकानंद को बहुत चोट लगी जब उन्होंने सुना यह नरसी मेहता का भजन। उठे और पहुंच गए समारोह में और वेश्या से क्षमा मांगी और कहा, मुझसे भूल हो गयी। मेरी गलती। मैं ही अभी पारस नहीं हूं, इसीलिए यह विचार किया कि कौन लोहा पात्र, कौन लोहा अपा

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