उत्तर प्रदेश राज्य

शाहजहाँपुर, क़रीब पौने 2/वर्ष बाद धीरे-धीरे खुलने लगा, अधजली लाश की रहस्य का राज़ : योगेश वाजपेई की विशेष रिपोर्ट

Yogesh Bajpai
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आख़िरकार लगभग करीब पौने 2/वर्ष बाद धीरे-धीरे खुलने लगा, अधजली लाश की रहस्य का राज़
बीते करीब पौने दो/साल बाद बोतल सें निकला, अधजले शव का जिन्न।
अधिकारियो के आदेश पर पुलिस की मौजूदगी में खोला गया,पुलिन्दा
-पिता बोला, मेरे बेटे का ही है,सामान
गैर थाने में दर्ज है, बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट#

शाहजहाँपुर, रोज़ा, में करीब बीते पौने दो साल बाद,एक मोबाइल शॉप के अंदर मिले,अधजले शव की शिनाख्त हो गई है।आला बडे़ अफ़सरो व पुलिस के अधिकारियो के यहां वर्षों तक चक्कर लगाने के बाद बुधवार को दोपहर पुलिस की मौजूदगी में पोस्टमार्टम सें पहले अधजली लाश सें बरामद पुलिंदा खोलकर गुमशुदा बेटे के पिता को दिखाया गया।पुलिन्दा में निकले सामान को देखा, तो बरबस ही पिता की आंखों में आंसू आ गए, और पिता रामऔतार बोला साहब,ये सारा सामान मेरे बेटे का ही है।

आपको बता दे,कि 19/दिसंबर 2020 को थाने सें महज़ चंद कदम की दूर,नेशनल हाई-वे स्थित,रोज़ा अड्डे मेन चौराहे पर क्षेत्र के ही नईम की मोबाइल शॉप की दुकान थी।नईम के मुताबिक, उस रात करीब साढ़े आठ बजे,वह दुकान बंद करके घर चला गया था।रात में करीब एक बजे, उसकी दुकान में आग लग गई थी,और सारा सामान जलकर राख हो गया था।घटना के दूसरे दिन सुबह दुकान में जाकर देखा तो दुकान के अंदर एक अधजला शव पड़ा हुआ है।जिसे थाना रोज़ा पुलिस ने जानवर का बताकर, रेलवे अस्पताल के पीछे तालाब किनारे फेंक दिया था।जब क्षेत्र में शव इंसान के होने की चर्चा हुई, तो आनन-फानन में उच्चाधिकारी मौक़े पर पहुँच गए,और पशु चिकित्सक को बुलाकर जांच कराई गई।जहां पशु चिकित्सक ने इंसानी शव होने की संभावना जताई थी।इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था, पोस्टमार्टम में भी इंसानी शव की पुष्टि हुई। पोस्टमार्टम के बाद शव के शरीर सें एक कड़ा,एक ताबीज व अधजला अंडरवियर मिला था।पोस्टमार्टम के बाद बिसरा सुरक्षित कर लिया गया था,इस मामले में पुलिस की जमकर किरकिरी ख़ूब भी हुई थी।हालांकि बंद दुकान के अंदर आग लगने की घटना संदिग्ध है,क्योंकि दुकान में बिजली कनेक्शन न होने के कारण शॉटसर्किट की भी संभावना नहीं थी।सवाल यह भी उठता है, कि आख़िर एक बंद दुकान के अंदर कोई व्यक्ति कैसे घुसा था, और आग कैसे लगी थी?रोज़ा पुलिस के पास, इस पूरे मामले कोई ज़बाब नही था।तो वही दूसरी ओर आरसी मिशन थाना क्षेत्र के फतेहपुर रेती सें अभिषेक यादव नाम का एक युवक घटना के दिन सें ही लापता था।जिसकी गुमशुदा रिपोर्ट लिखाने के लिए थाने में उसका पिता रामऔतार पहुँचा था।लेकिन मामला आरसी मिशन,और रोज़ा थाने के बीच में ही फंसकर रह गया।आख़िरकार आरसी मिशन पुलिस ने 15/फरवरी 2021 को पीड़ित पिता की काफ़ी भागदौड़ के बाद, उसके बेटे की गुमशुदगी दर्ज कर, पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।सूत्रो के मुताबिक निवर्तमान थाना प्रभारी दिनेश शर्मा संभवतः इस अनसुलझे कांड के करीब पहुँच गए थे, अगर विश्वसनीय सूत्रो की माने तो उन्हें भी जानकारी हो गई थी, कि अधजला शव किसका था, लेकिन उनकी भी जांच रूक गई थी,इसी बीच उनका स्थानांतरण हो गया।

करीब लगभग पौने दो बर्ष तक अधिकारियो के चक्कर लगाता, रामऔतार
घटना के बाद अभिषेक का लाचार व बेबस पिता रामऔतार बेटे की लगातार तलाश करता रहा,इसके साथ ही उन्हें शक था,कि अधजला शव,उसके बेटे अभिषेक का ही हो सकता है। पोस्टमार्टम के दौरान मिले सामान को देखने के लिए पौने दो साल सें वह अधिकारियो के यहां चक्कर लगा रहा था।लगातार उच्चाधिकारियो सें सीधी अपनी गुहार लगा रहे,इस बेबस लाचार पिता के पास सोमवार की शाम सूचना आई, कि मंगलवार की सुबह रोज़ा थाने में पुलिस की मौजूदगी में अधजले शव के पास सें बरामद पुलिंदा खोलकर शिनाख्त कराई जाएगी।तो बेबस पिता सुबह होते ही थाने में पहुँच गया।

रोज़ा थाने में शिनाख्त कराने में भी हुई,हीला हवाली 4/घंटे बाद ढूंढे मिली पोटली#
सुबह सें ही रोज़ा थाने में बैठे बेबस पिता को शिनाख्त कराने में भी पुलिस हीला हवाली करती रही,और जब उसे सुनने को मिला,कि शिनाख्त के लिए रखी गई पोटली ही गायब हो गई है, तो उसने थाने सें ही एक बार नही,करीब तीन बार पुलिस अधीक्षक कार्यालय को फ़ोन किया।तब कहीं जाकर करीब 4/घंटे के इंतजार करने के बाद,उसे शिनाख्त की पोटली दिखाई गई।पुलिन्दा खुलते ही रामऔतार की आंखो में आंसू आ गए, और बोला साहब,ये सारा सामान उसके गुमशुदा बेटे अभिषेक का ही है।

पिता बोला मेरे बेटे की हत्या कर जलाया गया,शव
रोज़ा,मृतक बेटे अभिषेक यादव के सामान की तस्दीक करने के बाद अभिषेक के पिता,राम औतार ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया,कि उसे घटना के दूसरे दिन ही पूरी जानकारी हो चुकी थी, और उसे घटना के चश्मदीदो ने ही पूरी घटना बताई थी।जिसकी उसने पुलिस अधीक्षक सहित, कई बडे़ अधिकारियों को दिए गए प्रार्थना-पत्रो के माध्यम सें जिक्र भी की, और लोगो के नाम भी खोलें लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नही,कि उसने तो यहां तक आरोप लगा दिया,कि पुलिस ने घटना के बाद 5/लोगो को थाने में पकड़कर बंद किया था।जो असली मुलजिम थे,लेकिन असर दबाव में पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया, और लगातार इस मामले को पुलिस अब तक दबाने में जुटी रही,जो आज भी इस मामले को दबाने में जुटी हुई है।उसका बतायाकि उसका सबसे छोटा बेटा घटना के दिन शाम को घर सें खाना-खाने के लिए निवाजपुर स्थित एक ढाबे पर आया था।पिता का आरोप है, कि उनके बेटे की हत्या की गई है।अधजले शव से बरामद सामान की शिनाख्त करने वाले रामऔतार का कहना है, कि पुलिस पूरे मामले को दबाने का प्रयास लगातार करती रही, और आज भी उसे गुमराह किया जा रहा है।बरामद सामान, उसके बेटे अभिषेक यादव का ही है।पिता का कहना है, कि उसकी रिपोर्ट दर्ज कर, उसे न्याय दिलाया जाए,वही उसने कहा कि अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए, वह कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगा।