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शाहिद-136 के बाद ईरान रूस को देगा फ़तेह और ज़ुल्फ़िक़ार मिसाईलें, इनके डर से इस्राईल किसी भी सूरत में यूक्रेन को आयरन डोम नहीं देगा : रिपोर्ट

ईरानी ड्रोन शाहिद 136 के यूक्रेन की जंग में एंट्री लेने के बाद से पूरी जंग क नक्शा बदल गया है, रूस की सेना ने इस एक ड्रोन की मदद से अमेरिका और यूरोप के देशों की सांसें फुला दी हैं, अमेरिका और पक्षिमी देशों के यूक्रेन को दिए गए सभी डिफेन्स सिस्टम ईरानी ड्रोन के सामने नाकाम साबित हो चुके हैं, यूक्रेन के सभी शहरों पर ये ड्रोन स्ट्राइक कर रहा है, राजधानी कीव की तो इसने हालत बदल कर रख दी है

अब ख़बर है कि रूस को ईरान से जल्द ही फ़तेह और ज़ुल्फ़िक़ार मिसाईल मिलने जा रहे हैं, बताया जाता है कि ईरानी मिसाईल फ़तेह के दो मॉडल हैं, एक की मारक छमता 300 किलोमीटर है जबकि दूसरे की 700 किलोमीटर तक, ईरान का फ़तेह मिसाईल सतह से सतह और ज़मीन से आसमान में मार करता है , ये बहुत कम ऊंचाई पर उडता है से दुश्मन के राडार की पकड़ आता है

उधर ईरान के ड्रोन हमलों के बाद यूक्रेन ने इस्राइल से आयरन डोम डिफेन्स सिस्टम देने के लिए आग्रह किया था, पर बता दें कि इस्राईल चाह कर भी यूक्रेन को आयरन डोम नहीं देगा, इस्राईल अपने इस डिफेन्स सिस्टम के दम पर दुनियांभर में भौकाल करता रहा है, अगर इसे यूक्रेन को दे दिया गया और इसका हश्र भी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के डिफेन्स सिस्टमों की तरह हुआ तो फिर इस्राईल किसी के सामने मुंह खोलने की हालत में नहीं रहेगा, वैसे भी फ़िलस्तीनीन संगठनों के घरेलु पाईप के बने रॉकेटों के हमलों के आगे इस्राइली आयरन डोम कारगार नहीं हो पता है, आये दिन फ़िलस्तीनी संगठन रॉकेट दाग़ते रहते हैं जो इस्राइली आयरन डोम रोक नहीं पाता है

Vivek Singh
@VivekSi85847001
🇺🇦 #Ukrainian Mig 29 crashed while hitting a #Iran Shahid/Geran 136 loitering drone…. 😂😂

WTF 👀 , Mean 20 Million dollar jet lost against 15-20K dollar drone 🤦‍♂️🤦‍♂️

Iranian suicide drone Shahid_136

ईरानी ड्रोन विमानों पर हंगामा है क्यों बर्पा? क्या इस्राईली भी यूक्रेन जंग में कूदने वाला है?

ईरान के ड्रोन विमान इस समय पश्चिमी मीडिया में ख़ास तौर पर जबकि विश्व मीडिया में भी काफ़ी हद तक सुर्ख़ियों में छाए हुए हैं। मीडिया में यह हंगामा है कि ईरानी ड्रोन यूक्रेन युद्ध में रूस का बेहद ख़तरनाक हथियार साबित हो रहा है और उसने अचानक इस युद्ध में रूस को बड़ी मज़बूती दे दी है।

क्रीमिया ब्रिज पर होने वाले हमले के बाद रूस ने यूक्रेन पर जो व्यापक हमले किए हैं उनमें पश्चिमी हल्क़ों के दावे के अनुसार शाहिद 136 ड्रोन विमानों ने बड़ी तबाही मचाई है। इस हमले में रूस ने कीव और अन्य शहरों में स्ट्रैटेजिक महत्व रखने वाले प्रतिष्ठानों को भारी नुक़सान पहुंचाया।

यूक्रेन का दावा है कि ईरानी ड्रोन विमानों ने दक्षिण और पश्चिम में स्थित चार प्रांतों में यूक्रेनी सेना की प्रगति को रोक दिया है जिन्हें रूस अपना हिस्सा बना चुका है। ईरानी ड्रोन विमानों का हंगामा अब पूरी दुनिया में मच गया। यूरोपीय सरकारों ने इस विषय पर शिखर बैठक की और ईरान पर प्रतिबंध लगाने की चर्चा की। वहीं अमरीका ने सुरक्षा परिषद का दरवाज़ा खटखटाया और यह साबित करने की कोशिश में है कि ईरान का रूस को ड्रोन विमान देना सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 का उल्लंघन है।

यह पहला मौक़ा है कि रूसी सेना ने अपनी जंग में कोई विदेशी हथियार इस्तेमाल किया है। इससे यह भी पता चलता है कि ईरानी हथियार ने इस जंग में यूरोप और अमरीका के सामरिक उद्योगों को ज़ोरदार चुनौती दी है। शाहिद 136 ड्रोन आकार में छोटा है और क़ीमत में सस्ता है, इसे बहुत लंबी दूरी तक भेजा जा सकता है। यह ड्रोन बहुत नीचे उड़ता है जिसकी वजह से राडार की रेंज से बाहर रहता है। सबसे बड़ी बात यह कि इसमें 40 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने की क्षमता है जो अपने लक्ष्य से टकराकर उसे बुरी तरह नष्ट कर देता है।

इन ड्रोन विमानों ने नैटो को भी अचरज में डाल दिया है और रूस ने बड़ी गंभीर लड़ाई में इसका सहारा लेने का फ़ैसला किया। ईरानी ड्रोन ने अचानक इस युद्ध की दिशा ही बदल दी साथ ही केवल यूक्रेन नहीं बल्कि पश्चिमी रक्षा उद्योगों के स्तर पर भी समीकरणों में बड़ी उलट पलट कर दी है।

यहां इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई के बयान पर भी एक नज़र डाल लेते हैं। उन्होंने प्रतिभावान युवाओं से मुलाक़ात में कहा कि जो लोग एक ज़माने में ईरानी ड्रोन विमान की तस्वीरें देखकर मज़ाक़ उड़ाते थे कि यह तो फ़ोटोशाप से तैयार की गई फ़ेक तस्वीरें हैं वही आज कह रहे हैं ईरानी ड्रोन बहुत ख़तरनाक हैं।

यह भी रोचक है कि अमरीका और यूरोपीय देशों ने 60 अरब डालर के भारी हथियार और जंगी उपकरण यूक्रेन को दिए हैं और इस समय वो इस बात पर हंगामा मचा रहे हैं कि ईरान ने अपने घटक रूस को ड्रोन विमान क्यों दे दिए। यह भी रोचक बात है कि यही रूस है जिसने पश्चिमी देशों विशेष रूप से अमरीका के दबाव की वजह से ईरान को एस-400 मिसाइल ढाल व्यवस्था नहीं थी और ईरान उसी रूस को ड्रोन विमान दे रहा है क्योंकि ईरान दोस्ती का सम्मान करता है और कठिन समय में उनका साथ नहीं छोड़ता।

हम बार बार कह रहे हैं कि यूक्रेन की जंग इतिहास में बहुत बड़ा मोड़ साबित होने जा रही है। इस जंग में बहुत कुछ बेनक़ाब होगा, इसमें अमरीकी और पश्चिमी पाखंड से पर्दा हटेगा, इसमें इस्राईल की निष्पक्षता की पोल भी खुलेगी। इन दिनों कीव और तेल अबीब के बीच इस्राईली मिसाइल ढाल सिस्टम आयरन डोम यूक्रेन को देने की बात चल रही है। इस्राईली युद्ध मंत्री बेनी गांट्स ने कहा कि इस्राईल इंसानी जानें बचाने के लिए यूक्रेन को एलार्मिंग सिस्टम देगा जो मानवता प्रेमी सहायता है। इस्राईल इस तरह रूस को बेवक़ूफ़ बनाने की कोशिश कर रहा है।

हम अभी नहीं कह सकते कि इस पर रूस का क्या जवाब होगा। इस ने अब तक इस्राईल की हमदर्दी में सीरिया को एस-300 सिस्टम इस्राईली युद्धक विमानों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करने से रोक रखा था।

ज़माना बदल रहा है और दुनिया का नेतृत्व संभालने वाली ताक़तें भी बदल रही हैं। कौन सोच सकता था कि चार दशक से अधिक समय से अमरीकी और पश्चिमी देशों की नाकाबंदी और गंभीर पाबंदियां झेल रहा ईरान रक्षा उद्योग में इतना आत्म निर्भर हो जाएगा कि रूस जैसे देश को हथियार बेचेगा, 60 प्रतिशत के ग्रेड तक यूरेनियम का संवर्धन करेगा, अंतरिक्ष में सैटेलाइट लांच करेगा।

जिसे ईरान का मुक़ाबला करना है उसे चाहिए कि ईरान के रास्ते पर चले और हर मैदान में उसके पदचिन्हों को नज़र में रखे।

अब्दुल बारी अतवान

अरब दुनिया के जाने माने लेखक व टीकाकार