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संत के मायने नहीं मालूम , सिर्फ आग उगलकर मीडिया में बनी रहना चाहती है साध्वी

prachi

ब्यूरो (राजा ज़ैद खान ) । कभी वो देश को कांग्रेस से आज़ादी दिलाने की बात करती है, कभी कहती है महात्मा गांधी राष्ट्रपिता नहीं है , वह वे सिर पैर की बातें पैदा करके सिर्फ मीडिया में बने रहना चाहती है । खुद को साध्वी कहने वाले प्राची को संत की परिभाषा नहीं मालुम अगर मालुम होती तो किसी जंगल या पहाड़ पर बैठकर ईश्वर का नाम जप रही होती ।

बिना सिर पैर की बातें कहकर एक धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ आग उगलने वाली साध्वी की बातों को देश गम्भीरता से नहीं लेता बल्कि इसे लाइट एंटरटेनमेंट की तरह माना जाता है । देश में एक नहीं कई चेहरे हैं जो बिन मौसम मल्हार गाने के लिए जाने जाते हैं । इन चेहरों के पीछे मकसद आग उगलना और मीडिया में बने रहना है ।

खासकर साध्वी प्राची जैसे चेहरों का इस देश में कोई मुकाम नहीं है । यही कारण है कि वह इधर उधर घूमकर अमर्यादित बयानों के ज़रिये लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश करती है । जहाँ तक मुसलमानो को निशाना बनाने का सवाल है तो इस देश में यह अब ट्रेंड बनता जा रहा है कि जब समय मिले तो मुसलमानो के खिलाफ आग उगलो, उन्हें बाबर का वंशज कहो, उन्हें पाकिस्तान भेजने की बातें करो और उनपर पाकिस्तान समर्थक होने के झूठे आरोप लगाओ ।

असल में साध्वी जैसे चेहरों को भाव दिए जाने के पीछे एक अहम कारण है कि 90 के दशक के बाद की राजनीति धर्म और सम्प्रदाय में बंट जाना भी है । प्रवीण तोगड़िया, योगी आदित्यनाथ जैसे लोग बिना जनाधार के नेता बन गए । जिस देश में साक्षी महाराज जैसे लोग सांसद बन सकते हैं उस देश में साध्वी प्राची जैसे चेहरों का पनपना मुश्किल बात नहीं है ।

एक बड़ा कारण यह भी है कि राजनीति में जाने की चाहत रखने वाले बिना जनाधार सफलता हासिल करने के लिए धार्मिक मुखौटा पहन लेते हैं । ऐसे लोगों के लिए बिना धार्मिक मुखौटे के जनता के बीच जाना मुमकिन नहीं है । इसलिए खुद को सफल और जनाधार वाला नेता सिद्ध करने के लिए ऐसे लोगों के लिए मुसलमान एक आसान शब्द है । साध्वी प्राची जैसे लोग सोचते हैं कि बिना कारण मुसलमानो को जितना कोसा जाएगा उतना उसका जनाधार बढ़ेगा और मीडिया उसे छापेगा ।

90 के दशक में भाजपा के बड़े नेताओं की ज़ुबान से भी कुछ ऐसी ही आग निकलती थी । बाबरी मस्जिद को शहीद करने में आरोपी उमा भारती, लाल कृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह जैसे बड़े नेताओं ने भी कभी ऐसी ही ज़ुबान का इस्तेमाल किया था । सच्चाई यह है कि बाबरी मस्जिद की शहादत पर भाजपा सत्ता तक पहुंची और आज देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाए है ।

साध्वी प्राची तो सांप्रदायिक राजनीति का एक छोटा सा मोहरा है । जिसे न इतिहास की जानकारी है और न ही राजनैतिक परख । इसलिए ऐसे लोग इस देश में तब तक आते रहेंगे जब तक इस देश में धर्म और सम्प्रदाय की राजनीति खत्म नहीं हो जाती ।

जो लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नहीं बख्शते वे लोग यदि मुसलमानो के खिलाफ अमर्यादित बयान दें तो कोई बड़ी हैरानी की बात नहीं है । फिलहाल ऐसे लोगों को न देश गम्भीरता से लेता और न ही मीडिया । ऐसे लोगों की न कोई राजनैतिक हैसियत नहीं होती और न उनका कोई जनाधार ।

साध्वी प्राची के कुछ विवादित बयान : बिना सिर पैर की बातें 

महात्मा गांधी थे अंग्रेज़ो के एजेंट :

अभी कुछ दिन पहले यूपी के बहराइच में साध्वी प्राची ने महात्मा गांधी को अंग्रेजों का एजेंट बताया। यही नहीं साध्वी प्राची ने इंदिरा गांधी पर भी जमकर निशाना साधा। साध्वी प्राची ने कहा कि देश को आजादी महात्मा गांधी के तकली कातने से नहीं मिली बल्कि यह सावरकर, भगत सिह, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान की देन है।

साध्वी प्राची ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अंग्रेजों के जमाने में महज 300 कत्लगाह थे, जो अब 30 हजार हो गए हैं। प्राची ने कहा कि संतों का अपमान करने वाली कांग्रेस का हश्र सामने है। साध्वी ने कहा कि तिरंगा व गाय का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

उन्होंने मस्जिद पर सुब्रमण्यम स्वामी के बयान का समर्थन किया। प्राची ने अलगाववादी नेता मसर्रत की रिहाई पर केंद्र सरकार को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जेल में और मसरत आजाद घूमे, इसे हिंदू समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता।

हिंदू शेर है डॉन छोटा राजन’ :
इंडोनेशिया के बाली में गिरफ्तार हुए छोटा राजन पर टिप्पणी करते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि छोटा राजन एक हिन्दू शेर है । उन्होंने कहा- वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ा और अगर उसे मौका मिला तो मैं समझती हूं कि जिस पाकिस्तान ने दाऊद को शरण दे रखी है उस दाऊद के पाकिस्तान में जाकर गर्दन पकड़ने की हिम्मत केवल एक हिन्दू शेर ही कर सकता है ।

आतंकियों के मददगार हैं शाहरुख’ :
अपने बयान में साध्वी प्राची ने कहा कि हाफिज सईद ने शाहरुख खान को न्योता दिया है, जो कि एक बहुत बड़ा आतंकवादी संगठन चलाता है और शाहरुख खान इस संगठन को आर्थिक मदद करते है. इस न्योते से स्पष्ट हो गया कि शाहरुख खान के तार निश्चित रूप से हाफिज सईद के संगठन से जुड़े हुए हैं. प्राची ने कहा- मैं पूछना चाहती हूं कि हाफिज सईद ने, जो हजारों लोगों के मुंबई ब्लास्ट का मास्टर माइंड है, उसने आखिर न्योता शाहरुख खान को ही क्यों दिया?