सेहत

संभोग के लाभ :

संभोग के लाभ
1. संभोग करने से सिरदर्द दूर होता है। हर बार प्यार करते हैं, यह मस्तिष्क की नसों से तनाव दूर करता है।

2. बहुत सारा सेक्स एक भरी नाक को साफ कर सकता है सेक्स एक प्राकृतिक एंटीहिस्टामाइन है। यह अस्थमा और वसंत ऋतु एलर्जी से लड़ने में मदद करता है।

३. प्यार बनाना एक शानदार सौंदर्य उपचार है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जब एक महिला संभोग करती है, तो वह बड़ी मात्रा में एस्ट्रोजन बनाती है जो उसके बाल चमकदार और नरम बनाते हैं।


4। सेक्स सबसे सुरक्षित खेलों में से एक है। लगभग हर शेड से प्यार बनाना और स्त्री और पुरुष शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। पूल में 20 लैप्स तैरने से अधिक आनंददायक है और आपको किसी विशेष स्नीकर्स की आवश्यकता नहीं है!

5। धीरे-धीरे, धीरे और आराम से प्यार करने से आपकी त्वचा के चकत्ते, त्वचा के चकत्ते और मुँहासे होने की संभावना कम हो पसीने से उत्पन्न छिद्रों को साफ कर त्वचा को निखारता है।

६. प्यार करना सोने से पहले उस रोमांटिक रात के खाने से आपके द्वारा जमा की गई सभी कैलोरी को जला सकता है।

7. यौन अवसाद का एक पवित्र इलाज है यह रक्त प्रवाह में एंडोर्फिन छोड़ता है, उत्साह की स्थिति बनाता है और महिलाओं और पुरुषों को अद्वितीय होने की भावना के साथ छोड़ देता है।

8 । सेक्स दुनिया का सबसे सुरक्षित आराम और मांसपेशियों को आराम देने वाला है। यह वैलियम से हजार गुना अधिक प्रभावी है।

९. जितना अधिक यौन संबंध उतना ही बेहतर, क्योंकि एक यौन सक्रिय शरीर बहुत अधिक फेरोमोन छोड़ता है। हमारे शरीर की ग्रंथियों का यह प्राकृतिक इत्र नाक के लिए तो नहीं है, लेकिन महिलाओं को करता है बहुत उत्तेजित!

१०. हर रोज किस करने से आपको दंत चिकित्सक से दूर रहता है। चुंबन की कला से दांतों को साफ करने के लिए लार का कारण बनता है और अम्ल की मात्रा को कम करता है जो गुहा का कारण बनता है, संभावित मौखिक समस्याओं को रोकता है, अपनी सांस को हमेशा ताजा रखने

Nikhil Shah
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हर किसी के अपने अपने तरीके है यहां एन्जॉय करने के,
कोई पेड फन करके खुश है, कोई Cuckold करके हैप्पी है ..
कोई थ्रीसम में खुश हो रहा तो कोई दोस्ती करके.. फैमिली टाइप बॉन्डिंग करके
कोई गे है तो कोई लेस्बीयन भी है
तो बात ये है कि यहां कोई गलत सही नही है
ये सेक्स की फेंटसी world हैं यहां सबके अपने अपने तरीके है एन्जॉय करने के.. कोई किसी को जज नही कर सकता
इसलिए तो बिल्कुल नही की आपका फन उसके फन से मैच नही करता,
ये सोच बिल्कुल गलत है कि फला कपल पेड फन कर रहा तो वो गलत है फला कपल डायरेक्ट सेक्स चाहता है तो वह गलत है
अरे यार यहां सबकी जरूरते अलग अलग है तुम कौन होते हो किसी को सही गलत का सर्टिफिकेट बाटने वाले
वो जो भी कर रहा अपनी बीवी के साथ अपनी दुनिया मे कर रहा तुम काहे मौसा बन रहे उसके,
तुम्हे नही पसन्द आ रहा तो काहे उसके लिस्ट में बने हुए है
उन्ही लोगो को ऐड करो जिनकी सोच तुम्हारे से मैच करती है,
यहां हर कोई एन्जॉय करने आता है तो मेहरबानी करके कैरेक्टर सर्टिफिकेट बाटने की बजाए अपने अपने फन पर ध्यान दीजिये,
चार रोज की जवानी है उसके बाद तो चाह कर भी ऐसी चीजें ठीक नही लगेंगी
इसलिए भाई जियो और जीने दो, जिससे आपकी सोच मिल रही, आपको लगता है कनेक्ट कर पाएंगे उनसे जुड़िये बाकी लोगो को अवॉयड करिये….

Neelam Singh
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सेक्स करने से कैलोरी बर्न होने में मदद मिलती है, जो व्यक्ति को फिट रखने में सहायता करता है। आधे घंटे के सेक्स से लगभग 100 कैलोरी बर्न होती है। पोजीशन में बदलाव लाकर पूरी बॉडी के मसल्स की एक्सरसाइज हो जाती है।


Bawa Manu
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प्रेम को रोक पाना हमारे वश में नहीं…प्रेम को मर्यादा..आदर्शो में बाँधना भी संभव नहीं..प्रेम को किसी परिभाषा में ढालना भी संभव नहीं…धर्म का जामा पहनाना भी संभव नहीं…प्रेम शाश्वत है..
सच तो ये है कि समस्त ब्रह्मांड प्रेममयी है…पेड़ों को हवाओं से प्रेम है..हवाओं को पेड़ों से…सूखे पत्तों को ज़मीं से प्रेम है ओर उसमे ख़ाक होने कि बेसब्री..
नदीयों को सागर से प्रेम है और उसमें मिटने कि बेताबी…चंद्रमा को धरती से प्रेम है और क़यामत तक उसके इर्द गिर्द रहने कि ज़िद…हर खिलता हुआ फूल भी तो प्रेम का परिणाम है…भँवरे का दीवानापन…चाँदनी रातों में चकौरी का पागलपन..बरखा बादल…रंग बिरगें नज़ारे…केवल प्रेम के कारण ये दुनिया रगींन है..ये खिलखिलाते हुए मासूम भी तो प्रेम का ही परिणाम हैं…
ये पक्षी ये परिंदे ये परवाने ये परवाज़ ये
सब प्रेम से ही तो बँधे और उपजे हैं..
हर चीज प्रेम के इर्द गिर्द जन्म लेती और ख़त्म होती है..
जीवन का एकमात्र सिद्धांत केवल प्रेम है और ये ही एकमात्र अंत है..इसमें नहीं तो किसी ओर जन्म में किसी ओर रूप और शक्ति में हमें पूर्णत: प्रेममय होना ही होगा तो तभी हमारी जीवन यात्रा पूर्ण होगी…
और जब हम प्रेम में होंगे तो धर्मों के कोई माईने ही ना रहेंगे…कभी सोचा है कि क्यूँ कोई सूफ़ी मस्त होकर नाचता है..क्यूँ राधा ओर श्याम का प्रेम काल्पनिक लगने पर भी रौगटें खड़े करता है…क्यूँ दीवानों पे आज भी सज़दा होता है…कोई तो बात है इस इश्क़ में इस प्रेम में कि व्यक्ति मर के भी नहीं मरता..सच तो है कि प्रेमी किसी भी रूप में हो कभी मरते ही नहीं..प्रेम वो संजीवनी है..सच तो ये है कि बुद्धी से उपर उठकर दीवाने होने में जो सूरूर है वो इस दीमागदारी कि दुनियादारी में कहाँ..संभावनाओं से दूर…आलोचनाओं से दूर..नफरत और धर्मों के राजनैतिक प्रपंचों से दूर..वो इश्क़ कि दुनिया जहाँ किसी को कहीं पहुँचने कि जल्दी नहीं…जहाँ ठहराव है..जहाँ जुड़ाव है..करूणा है..
यार कि एक नजर पे हज़ारों बार क़ुर्बान होने का जज़्बा है..वो दुनिया ही अलग है..प्रेम एकमात्र सत्य है…शुरूवात है और सभांवित अंत भी..!
जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा …🤣🤣


Neelam Singh
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वायग्रा,, जो पुरुष के प्राइवेट पार्ट का तनाव बढ़ाती,,का जन्म इतिहास,,,,,
,, अमेरिका में बहुत अरसे पहले हृदय के रोगों के उपचार पर जबरदस्त रिसर्च का काम चला।
,, उन्होंने सर्जरी और मेडीसन क्षेत्र में भारी सफलता भी पाई।
,,उसी रिसर्च वर्क में वायग्रा का जन्म हृदय रोग के लिए हुआ। जिसके कुछ अच्छे परिणाम भी मिले।
,,जब यह दवा एक ऐसे रोगी को दी गई तो पाया गया कि जिसको हृदय रोग के साथ उसमें प्राइवेट पार्ट के तनाव की शिकायत रही।उस रोग में वजाय हृदय रोग से ज्यादा बहुत ही अच्छे परिणाम आये।
,, फिर इस तनाव के विषय को लेकर इस वायग्रा के टेस्ट एवं ट्रायल किये गये तो मालूम हुआ कि ये दस पन्द्रह प्रतिशत से बढ़ाकर कर नब्बे पिच्चानवे प्रतिशत तक तनाव में इजाफा कर देती है
,,इस तरह से इस ग्रुप की दवा तनाव की कमी को दूर करने के लिए ड़ी ही कारगर सिद्ध हुई।उस समय एक गोली की कीमत चार सौ रुपए थी और ये इमपोर्ट होने लगी थी और गिने चुने लोग इस्तेमाल करते थे। यहां तक ये वहां से मंगा कर बड़े तबके में गिफ्ट भी की जाने लगी।
,,, कुछ अरसे बाद भारत में भी यहां लोकली मिलने लगी।उसकी कीमत चालीस रुपए रही और खूब इस्तेमाल भी होती रही।
,,, एक मेडिकल स्टोर से इन्क्वायरी करने के बाद मालुम हुआ कि इस वायग्रा की नवविवाहित और बुजुर्गो में अच्छी खासी डिमांड है। और दूसरे लोग भी इसका उपयोग भी कर रहे हैं। शायद अब एक गोली की कीमत अठ्ठारह,बीस रुपए या उससे कम होगी।
,,, यह गोली सिर्फ तनाव बढ़ाने के लिए ही काम आती है। इससे समय वृद्धि नहीं होती है
,, नवविवाहित में वो ढ़ग से एक्टिव हो पायेंगे।सब कुछ पक्की तरह से हो इसलिए लेते और बुजुर्ग समझते हम ताकत कम हो गई है। इसीलिए इस्तेमाल करते हैं। जबकि और लोग समय बढ़ाने की सोचते।
,,, सहवास दिमाग और दिल से होता है। ये कह सकते हैं कि स्त्री और पुरुष के प्राइवेट पार्ट सहवास को अंजाम देते हैं ।
,,,समय बढ़ाने के लिए सहवास धीरे धीरे, रूक रूक कर और दिमाग संयमित रख और दिल को नियंत्रित रख करें। और बीच बीच में पानी पीते रहें। ऐसा करने से समय वृद्धि मुमकिन हो सकती है। और तनाव के लिए वायग्रा कारगर हो सकती है।
,, अगर बीपी और प्रोस्टेट की बीमारी हो तो वायग्रा डाक्टर की सलाह से ही लें। वरना बहुत नुक्सान हो सकता है। हां डाक्टर साल्ट को बदल कर इसके इस्तेमाल के लिए कह सकते हैं।
,,, सेक्सोलॉजिस्ट के सौजन्य से मालूम हुआ कह दिया और अंन्यथा ना लें।
,,, अशोभनीय टिप्पणी और तर्क वितर्क से बचें।
नोट,,,ऐसी कोई भी दवा जो सहवास के लिए इस्तेमाल की जाय, उसे डाक्टर की क्लीरियेंन्स के बाद ही लें।