दुनिया

सऊदी अरब के फैसले से पाकिस्तानियों की बढ़ी मुश्किलें-काम करना हुआ बहुत मुश्किल

नई दिल्ली: दुनियाभर से लोग सऊद अरब सहित खाड़ी देशों में नौकरी के लियेे जाते हैं और छोटे मोटे काम करके अपना पेट पालने का काम करते हैं,भारत पाकिस्तान बंग्लादेश के लाखों लोग पाकिस्तान में काम करते हैं।

इस लिये हर देश की अर्थव्यवस्था में सऊदी अरब में काम करने वाले का अहम योगदान है। लेकिन सऊदी सरकार द्वारा वीज़ा शुल्क बढ़ने के कारण पड़ोसी देश पाकिस्तानियों के लिए अब सऊदी में नौकरी करना मुश्किल होता जा रहा है। शुक्रवार को सऊदी अरब के राजदूत नवाफ़ बिन सईद अल-मलिक रियाद में पाकिस्तानी दूतावास पहुंचे व पाकिस्तान के राजदूत ख़ान हशम बिन सादिक़ से मुलाक़ात की।

इस मुलाक़ात में ख़ान हशम बिन सादिक़ ने पाकिस्तानी परिवारों के लिए सऊदी के वीज़ा शुल्क में कटौती का अनुरोध किया है। पाकिस्तानी लंबे समय से शिकायत करते रहे हैं कि पाकिस्तान स्थित सऊदी के दूतावास में वीज़ा शुल्क ज़्यादा देना पड़ता है।

इस समस्या को लेकर दोनों देशों के राजदूतों ने कहा है कि जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा। दक्षिण एशिया से सऊदी में काम की तलाश में सबसे ज़्यादा पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश के लोग जाते हैं। इसके अलावा दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश फ़िलीपींस से भी बड़ी संख्या में कामगार सऊदी जाते हैं।

इन मुल्कों के ग़रीब कामगारों के लिए वीज़ा शुल्क बहुत मायने रखता है। एक रिपोर्ट के अनुसार बड़ी संख्या में विदेशी कामगार सऊदी अरब छोड़ रहे हैं और इसका एक कारण भारी वीज़ा शुल्क भी है।

फ़ाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक है, ”2017 की शुरुआत से अब तक 6 लाख 67 हज़ार विदेशी कामगार सऊदी छोड़ चुके हैं जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। तेल संपन्न इस देश की अर्थव्यवस्था के निर्माण में दशकों से विदेशियों की भूमिका रही है।सऊदी की तीन करोड़ 30 लाख की आबादी में एक तिहाई विदेशी नागरिक हैं और यहां के प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले 80 फ़ीसदी लोग बाहरी देशों के हैं।