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सरकार से नाराज़ राष्ट्रीय पुरुस्कार विजेताओं ने सम्मान लेने से किया इंकार

मुंबई: देश में पिछले कुछ दिनों से कुछ इस प्रकार की घटनाएं होरही हैं जिन पर हर एक आम और खास में गुस्सा पाया जारहा है,क़ानून और संविधान के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश के सर्वोच्च न्यायलय में गड़बड़ होने की बात कही थी।

प्राप्त समाचार अनुसार समारोह में दादा साहब फाल्के पुरस्कार सुप्रसिद्ध अभिनेता विनोद खन्ना को मरणोपरांत प्रदान किया गया। राष्ट्रपति से उनके अभिनेता पुत्र अक्षय खन्ना एवं पत्नी कविता खन्ना ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। मशहूर फिल्म अभिनेत्री श्रीदेवी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किया गया जिसे उनके पति बोनी कपूर और उनकी बेटियों जान्ह्वी तथा खुशबू ने ग्रहण किया।

राष्ट्रपति कोविंद ने इन दोनों दिवंगत कलाकारों को याद करते हुए कहा कि इनका निधन देश के सिनेमाप्रेमियों के लिए व्यक्तिगत क्षति थी क्योंकि उन्होंने लाखों प्रशंसकों का दिल जीता है। इनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और हमेशा याद की जाती रहेंगी।

दरअसल, कुछ पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित नहीं किया जाना था जिसके कारण समारोह विवादों में आ गया। उन्होंने समारोह से पहले ही बायकॉट की घोषणा कर दी थी।

इस 65 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह में कई विजेताओं को सम्मानित किया जाना है लेकिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास मात्र एक घंटे का समय था जिसमें उन्होंने करीब 11-12 व्यक्तियों को पुरस्कृत किया। बाकी पुरस्कार सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा प्रदान किए गए।