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सिद्धारमैया ने चुनाव क्षेत्र को लेकर साफ़ कर दिया कि वे कोलार सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे

कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने सोमवार को उनके चुनाव क्षेत्र को लेकर चल रही सभी अटकलों को विराम देते हुए ये साफ़ कर दिया कि वे कोलार सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे.

हालांकि सिद्धारमैया ने ये भी साफ़ किया है कि उनके फ़ैसले के लिए पार्टी हाई कमान की मंज़ूरी ज़रूरी होगी. साल 2018 में सिद्धारमैया ने महज 1600 वोटों के अंतर से बदामी सीट से चुनाव जीता था.

लेकिन इसी चुनाव में वे अपने गृह ज़िले मैसूरू की चामुंडेश्वरी सीट पर जनता दल सेकुलर के उम्मीदवार के हाथों 36 हज़ार से भी अधिक मतों के अंतर से हार गए थे.

हालांकि इससे पहले के चुनावों में सिद्धारमैया मैसूरू की ही वरुणा सीट से चुनाव जीतते रहे थे लेकिन 2018 में ये सीट उन्होंने अपने बेटे डॉक्टर एस यतींद्र को दे दी थी. उनके बेटे वरुणा सीट पर विजयी रहे थे.

कोलार सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा सिद्धारमैया ने एक सार्वजनिक सभा में की. दरअसल, इस जनसभा में उनसे पहले कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री केएम मुनियप्पा ने कहा कि अगर सिद्धारमैया कोलार सीट से चुनाव लड़ते हैं तो “हम उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे.”

ऐसी चर्चा थी कि सिद्धारमैया पर कोलार और कुछ अन्य विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी कार्यकर्ता दबाव बना रहे थे.

लेकिन कोलार से चुनाव लड़ने का फ़ैसला उन्होंने वहां से मौजूदा विधायक श्रीनिवास गौड़ा से मुलाकात के बाद किया. श्रीनिवास गौड़ा ने ये सीट जेडीएस के टिकट पर जीती थी और बाद में वे कांग्रेस के करीब चले गए.

श्रीनिवास गौड़ा ने सिद्धारमैया से कोलार सीट से चुनाव लड़ने की अपील की थी. कोलार को पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं के वर्चस्व वाली सीट माना जाता है.