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सीरिया में इंसानी खून से लाल हुई सड़कें-हवाई बममारी और ज़हरीली गैस से घायलों की मदद रोकी

नई दिल्ली: सीरिया में पिछले दो हफ्तों में इंसानियत का क़त्लेआम किया गया है,सीरिया का बड़ा शहर माना जाने वाला घोता पूरी तरह से तबाह हो चुका है,और और चार लाख से अधिक संख्या में आम नागरिक घर से बेघर होकर किसी सुरक्षित जगह पर पनाह ले रहे हैं।

अल जज़ीरा के मुताबिक़ अब तक सीरिया में चलने वाली इस खूनी जँग में एक हज़ार के लगभग निर्दोष लोगों के मारे गए हैं,जो ईरान और रूस तथा सीरिया की संयुक्त सैन्य कार्यवाही के नतीजे में मारे गए हैं,रूस की सैन्य कार्यवाही से ऐसा लगता है कि वे इस जगह पर इंसान का नाम ओ निशान मिटा देना चाहते हैं ,घातक और दुनियाभर में प्रतिबंधित ज़हरीली गैस को छोड़कर नागरिकों को मार रही है।

संयुक्त राष्ट्र संघ सीरिया में मचने वाली इस तबाही और बर्बादी को रोकने में नाकाम साबित हुई है क्योंकि उसके सीज़फायर के आदेश के बावजूद घोता की फ़िज़ा में मंडराने वाले हवाई जंगी जहाज़ बम बरसा रहे हैं और तोपो से हमले कर रहे हैं तथा ज़हरीली गैस से नरसंहार होरहा है।

सऊदी अरब सहित मुस्लिम राष्ट्र समझे जाने वाले तमाम देश सीरिया में मुसलमानों के इस क़त्लेआम पर मौन धारण किये हुए हैं,अब तक किसी भी राष्ट्र ने इस मानव नरसंहार को रुकवाने की माँग नही करी है और ना किसी ने इन तीनों देशों पर किसी भी तरह का कूटनीतिक दबाव बनाया है।

सीरिया में बमबारी और ज़हरीली गैस से मरने वालों की संख्या में रोज़ाना बढ़ोतरी होरही है जो पूरी दुनिया के इंसानों के लिये बड़ी शर्मनाक बात है,कल एक दिन में 70 लोग हवाई हमले में शहीद हुए हैं।