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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सिक्किम में हंगामा जारी : तोड़फोड़, हिंसा, भारी पुलिस बल तैनात किया गया : रिपोर्ट

न्यायालय की टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच शाह ने सिक्किम के प्रतिनिधिमंडल को दिया भरोसा

नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को सिक्किम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के नेतृत्व वाले एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वित्त एवं गृह मंत्रालय एक समीक्षा याचिका दायर करके उच्चतम न्यायालय से ‘‘सिक्किमी’’ शब्द पर संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप स्पष्टता का अनुरोध करेंगे। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी।.

शाह की ओर से यह भरोसा ऐसे समय दिया गया है जब उच्चतम न्यायालय की एक टिप्पणी को लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने राज्य के सभी पुराने निवासियों को आयकर छूट का विस्तार करते हुए सिक्किमी नेपाली समुदाय को ‘अप्रवासी’ बताया था।.

LtGen AK Choudhary(Retd)
@LtGenAshokInf
#SikkimeseMajorityCommunity
It is intriguing to observe the hon’ble Court making ill informed comments on issues they are not conversant with. Sikkim is a sensitive border state with majority Indian Nepali community. Not your job to define Sikkimese? Why Poke nose unnecessarily?

सुप्रीम कोर्ट के नेपाली मूल के लोगों को अप्रवासी बताने पर सिक्किम में हंगामा जारी है। इसे लेकर सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने 48 घंटे के बंद का आह्वान किया है। हालांकि इस बंद के दौरान रविवार को हिंसा भड़क गई। जिसमें सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर एसडीएफ के मुख्यालय पर हमला बोल दिया और वहां तोड़फोड़ की। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और हालात को नियंत्रित किया। हालात को देखते हुए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

Smriti Pradhan
@SmritiSikkimese
·
Feb 1
Protests in the Soreng district of Sikkim against the Jan 13th verdict of the Supreme Court which tagged Sikkimese Nepali as “foreigners” and devalued and undermined the term “Sikkimese” which is safeguarded by the Article 371F

Prakash Kumar Rai
@Prakash200181
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Feb 1
#Condemn!
We COI holder Sikkimese Nepali object/condemn the word “foreign origin settled in Sikkim like the Nepali”. We(Our Grandfather) gave referendum to merge Indian union.
We r sikkimeses! We r Indian!!

घटना गंगटोक में दामथांग रोड पर स्थित एसडीएफ मुख्यालय में घटी। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले गंगटोक में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग का पुतला जलाने के आरोप में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में युवा नेता अरुण लिंबु और पूर्व मंत्री शेरिंग वांगडी लेप्चा शामिल हैं।

बता दें कि बीती 13 जनवरी को सिक्किम के निवासियों को इनकम टैक्स में छूट से संबंधित एक याचिका पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नेपाली मूल के लोगों को अप्रवासी के रूप में संदर्भित किया था, जो सिक्किम में आकर बस गए थे। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से प्रदेश की राजनीति में खलबली मच गई और नेपाल मूल के लोग इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए। गौरतलब है कि सिक्किम में बड़ी संख्या में नेपाली मूल के लोग रहते हैं। सिक्किम में लोगों का विरोध किस पैमाने पर इसे इस बात से समझा जा सकता है कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने भी कोर्ट के फैसले के बाद विरोध प्रदर्शन किया। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करने की बात कही है।

Bhupen Sikkim
@BhupenChettri5
·
Feb 1
We Sikkimese nepali people were Sikkimese and not Nepali Immigrants the day Our state merged with the Indian Union in 1975. The SC calling us immigrant in the 13 january verdict on Income tax exemption to the old settlers is totally unacceptable..

किरेन रिजिजू बोले- हम राज्य सरकार के समर्थन में
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिक्किमी नेपालियों पर कथित टिप्पणी को लेकर सिक्किम में हो रहे विरोध के बीच कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार के समर्थन में केंद्र सरकार शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर रहा है।

 

The Indian Express
@IndianExpress

#PoliticalPulse | The language used in a recent Supreme Court order examining tax exemptions in Sikkim is the focal point of protests in the state, with former CM Pawan Chamling’s Sikkim Democratic Front calling a bandh over the weekend.

 

कानून मंत्री रिजिजू ने ट्वीट करके कहा कि ‘मैंने सिक्किम के मुख्यमंत्री पी एस तमांग से बात की है। भारत सरकार सॉलिसिटर जनरल के माध्यम से सिक्किम सरकार का समर्थन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका भी दायर कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार सिक्किम के लोगों के साथ खड़ी है।

एक अन्य ट्वीट में, उन्होंने सिक्किम के लोगों को आश्वासन देते हुए लिखा कि ‘यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 371F (राज्य से संबंधित) से संबंधित या कमजोर नहीं है और इसका किसी की नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है। हम प्रत्येक वास्तविक भारतीय की संवैधानिक स्थिति को महत्व देते हैं और किसी भी कीमत पर इसकी रक्षा की जाएगी।’