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सूरए साफ़्फ़ात आयतें 133-138 وَإِنَّ لُوطًا لَمِنَ الْمُرْسَلِينَ (133) إِذْ نَجَّيْنَاهُ وَأَهْلَهُ أَجْمَعِينَ (134) إِلَّا عَجُوزًا فِي الْغَابِرِينَ (135) ثُمَّ دَمَّرْنَا الْآَخَرِينَ (136) इन आयतों का अनुवाद हैः और निश्चय ही लूत भी रसूलों में से थे (37:133) याद करो, जब हमने उन्हें और उनके सभी लोगों को बचा लिया, (37:134) सिवाय एक बुढ़िया के, […]
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इस्लाम: नमाज़ मुसलमान की मेराज़ है ,अल्लाह से बात करने और संपर्क साधने का एक आसान तरीका है,जिसके द्वारा बन्दा अल्लाह से बात करता है,हर बालिग मुसलमान मर्द औरत पर दिन में पाँच बार याज़ पढना ज़रूरी है यानी फ़र्ज़ का दर्जा रखती है,इस्लाम के पाँच बुनियादी स्तम्भों में से नमाज़ एक मजबूत स्तम्भ है। […]
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मोहम्मद सलीम =============== #कुरैश_की_मुखालफ़त #SiratunNabiSeries Post-7 हुजूर सल्ल. ने सफ़ा पहाड़ी पर तशरीफ़ ले जा कर मक्का के तमाम कबीलों को बुला कर अल्लाह का पैग़ाम पहुंचाया और साफ़-साफ़ कह दिया कि #अल्लाह_का_अजाब_करीब_आने_लगा_है, एक अल्लाह पर ईमान ले आओ, उसपर, जो सब का पैदा करने वाला है, जो पत्थर के अन्दर रहने वाले कीडे को […]