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सुरक्षा परिषद में चीन और पाकिस्तान को भारतीय विदेश मंत्री का करारा जवाब!

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार शाम संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में नाम लिए बिना चीन की आलोचना की।

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया जब आतंकवाद का सामना करने के लिए एक साथ, एक मंच पर आ रही है तब आतंकवाद फैलाने वालों का बचाव करने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी पर भी निशाना साधा और कहा कि ओसामा बिन लादेन को पनाह देना और पड़ोसी देश की संसद पर हमला करना आपको उस सभा में ज्ञान देने का आधार नहीं देता।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, “UNSC सुधार और यूक्रेन संघर्ष पर उनके विचारों को महत्व दिया। भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान साथ काम करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।”

एस जयशंकर ने ये बातें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओपन डिबेट की अध्यक्षता करते हुए कही। इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों की संख्या बढ़ाए जाने का मुद्दा भी उठाया।

भारतीय विदेश मंत्री का कहना था कि सुधार इस समय की सबसे बड़ी मांग है। उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि समान प्रतिनिधित्व और सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों की संख्या में वृद्धि का सवाल पिछले तीन दशकों से संयुक्त राष्ट्र की महासभा का उद्देश्य रहा है, सुधारों को लेकर जारी बहस भटकती रही है, लेकिन इस दौरान असल दुनिया नाटकीय अंदाज़ में बदल गयी।

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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पोलैंड के उप विदेश मंत्री वोज्शिएक गेरवेल से मुलाकात की।

उन्होने ट्वीट किया, “यूक्रेन संघर्ष और इसके प्रभाव पर विचारों का आदान-प्रदान किया। UNSC में NORMS पर खुली बहस में उनकी भागीदारी की सराहना की।”

इस दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने कहा कि अगर आप बहुपक्षीय मंचों को सफल होते देखना चाहते हैं तो आप कश्मीर से जुड़े यूएनएससी प्रस्ताव को अनुमति देकर ये साबित कर सकते हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आपकी अध्यक्षता में सफ़लतापूर्वक हमारे क्षेत्र में शांति ला सकता है।

इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ओसामा बिन लादेन को पनाह देना और पड़ोसी देश की संसद पर हमला करना आपको इस सभा में भाषण देने का आधार नहीं देता।

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संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता हमारे समय की प्रमुख चुनौतियों के प्रभावी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है, चाहे फिर वह महामारी, जलवायु परिवर्तन, संघर्ष या आतंकवाद हो: यूएनएससी में विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर, न्यूयॉर्क