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सूरत की अदालत ने राहुल गांधी की सज़ा पर रोक लगाने की याचिका ख़ारिज़ कर दी, महबूबा मुफ्ती ने कहा-आज काला दिन है!

गुजरात के सूरत की सत्र अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी।

कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने दावा किया कि निचली अदालत में उनकी (राहुल गांधी) अर्जी खारिज हो गई है, अब हम ऊपरी अदालत में जाएंगे।

इसी बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा देश में संविधान को खत्म करके अपने एजेंडे पर चलना चाहती है।

महबूबा मुफ्ती ने यह बयान अनंतनाग में दिया। उन्होंने कहा कि इस मुल्क के लिए आज काला दिन है, क्योंकि विपक्षी नेता के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाए तो मुझे लगता है कि कहीं न कहीं बीजेपी इस देश को बनाना रिपब्लिक बनाना चाहती है। वह यहां का संविधान को खत्म करके अपने एजेंडे पर चलाना चाहती है वह बीजेपी राज चलाना चाहती है। मानहानि मामले में जो फैसला आया है वह विपक्ष को एक संदेश है।

2019 के मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत सेशंस कोर्ट से राहत नहीं मिली है। मोदी सरनेम मामले में 23 मार्च को निचली अदालत से मिली 2 साल की सजा के खिलाफ राहुल गांधी की ओर से याचिका दायर की गई थी। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की ओर से अब गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

ज्ञात रहे कि सूरत की सीजेएम कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि केस में 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। 24 मार्च को राहुल गांधी की संसद सदस्यता ही खत्म हो गई थी। हाल ही में उन्हें सांसद के तौर पर मिला तुगलक लेन का बंगला भी खाली करने को कहा गया था जिसकी मियाद दो दिन बाद खत्म हो रही है