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सेना के बारे में असदउद्दीन ओवैसी के सवालों का मोदी सरकार की तरफ से मुख़्तार अब्बास ने दिया ये जवाब?

नई दिल्ली:हैदराबाद लोकसभा से साँसद और ऑल इंडिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैरिटर असदउद्दीन ओवैसी ने केंद्र पर मुसलमानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताने की चुनौती दी कि पिछले चार साल में समुदाय से कितनों को केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में भर्ती किया गया है।

ओवैसी की चुनौती को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए धर्म कोई ‘‘पैमाना’’ नहीं है.अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी अर्द्धसैनिक बलों में मुसलमानों के कम प्रतिनिधित्व से जुड़ी टिप्पणी के लिए ओवैसी की आलोचना करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर जवानों की संख्या गिनना एक ‘‘विकृत धर्मनिरपेक्ष मानसिकता’’ का नतीजा है.ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तमाम कोशिशें की जाएंगी, लेकिन इसके बावजूद इसे लेकर शायद ही कुछ किया गया।

ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, ये सब केंद्र सरकार के अधीन आते हैं. आप (बीजेपी) पिछले चार साल से सत्ता में हैं. प्रधानमंत्री चीख-चीखकर दावा करते हैं कि वह एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर देना चाहते हैं. तो आपने पिछले चार सालों में (मुसलमानों के लिए) क्या किया?’’उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार साल में केंद्रीय क्षेत्र में चाहे वह बैंक हों या रेलवे या फिर केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल, कितने अल्पसंख्यकों की भर्ती की गयी?’’

इससे पहले हैदराबाद के सांसद ने एक कार्यक्रम में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में ‘‘बहुत कम’’ मुसलमानों की मौजूदगी का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से आंकड़े सार्वजनिक करने को कहा.उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार ने केंद्र सरकार के उपक्रमों में मुसलमानों को रोजगार मुहैया कराने के लिए कुछ ठोस नहीं किया और कहा, ‘‘सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, ये सब केंद्र सरकार के अधीन आते हैं. मैं भारत सरकार और भाजपा सरकार से अनुरोध करता हूं कि वे कृपया आंकड़े पेश करें.’’

ओवैसी ने कहा कि मौजूदा सरकार ने सरकारी नौकरियों में अल्पसंख्यकों से जुड़े आंकड़े पेश करने की परंपरा खत्म कर दी जो 2013 तक होता आया था.उन्होंने एनडीए सरकार के अधीन केंद्र सरकार की नौकरियों में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ़ने के अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के कथित दावे को भी खारिज कर दिया.सांसद ने कहा कि मीडिया में आई एक खबर में दावा किया गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (एनएसजी) में एक ‘‘एक भी मुसलमान’’ नहीं है।

जब एक पत्रकार ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भर्ती योग्यता के आधार पर होती है, ओवैसी ने कहा कि बहुलतावाद देश की पहचान है जो हर जगह दिखनी चाहिए.केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं. इन बलों में कुल 10 लाख कर्मी काम कर रहे हैं.गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा, ‘‘ अर्द्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए धर्म पैमाना नहीं है. भर्ती प्रक्रिया में किसी धर्म के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.’’वहीं नकवी ने ओवैसी पर पलटवार करते हुए कहा , ‘‘सेना का जवान भारत मां का सपूत होता है, वह हिंदू या मुसलमान नहीं होता. धार्मिक आधार पर जवानों की संख्या गिनना एक विकृत धर्मनिरपेक्ष मानसिकता का नतीजा है.