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सैयद असग़र अली को उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया : राजस्थान से धर्मेन्द्र सोनी की रिपोर्ट

कुशलगढ़ जिला बांसवाड़ा राजस्थान रिपोर्टर धर्मेन्द्र सोनी

लोकेशन __टोंक: जिला कलेक्टर मैडम, SP साहब तथा मुरारीलाल जी मीणा मंत्री राजस्थान सरकार कृषि विपणन व संपदा (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन व नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री द्वारा सैयद असगर अली को उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।सैयद असगर अली ने बताया कि ये बहुत ही गौरवशाली पल था,जिसका आशा प्रत्येक भारतीय करता है में खुश नसीब हूं की प्रशासन का समग्र ध्यान इस और गया और सेवाओं को सराहा गया।में आज प्रत्येक सम्मान पाने वाले व्यक्ति को उनके कार्यों के लिए बधाई देता हूं।


सैयद असगर अली का जन्म 26 जनवरी 1974 को टोंक शहर के एक धार्मिक पृष्ठभूमि वाले परिवार में हुआ।पिछले ग्यारह वर्षों से इन्होंने मानव जाति के कल्याण के लिए विविध सामाजिक सेवाओं में खुद को समर्पित किया हुआ है।ये सेवाएं जाति, पंथ और धर्म के अविरल होती हैं।धर्मनिरपेक्ष भारत की गंगा जमनी सभ्यता में सामंजस्य स्थापित करने हेतु अमूमन देश के सभी प्रमुख टीवी चैनल्स पर अंतरधार्मिक वाद विवादों में भाग लेते रहते हैं ताकि हिंदू मुसलमानों में व्याप्त एक दूसरे के प्रति संदेह दूर किया जा सके तथा इस्लाम के बारे में प्रचलित भ्रम व गलत धारणाएं फैली हुई है उनको दूर किया जा सके।
सतयुग के आगमन में मुसलमानों की भूमिका को लेकर मुसलमानों के बीच उपदेश देते रहे हैं।


इनका मानना है की सतयुग जब शुरू होगा,तब भारत विश्वगुरू होगा।
उक्त कार्य हेतु जगह जगह अलख जगाने का कार्य कर रहे हैं।
इन्होंने गरीब और स्लम निवासियों के लिए टोंक में अब तक 04 नि: शुल्क नेत्र जांच और ऑपरेशन शिविर की व्यवस्था की,जिस से लगभग 70 लोगों ने फायदा उठाया।

साथ ही कोविड-19 के दौरान स्थानीय प्रशासन के सहयोगी के रूप में बीमारी से बचाव सम्बन्धी जन जागरूकता अभियान में भाग लिया।आमजन में सेवा करते नज़र आते हैं।

मंसूरी पंचायत संस्था से राजस्थान के नायब काजी के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। उनका सबसे महत्वपूर्ण जुड़ाव राजस्थान सर्किल के प्रवक्ता के रूप में विश्व धर्म ज्ञान संगठन के साथ है।

सर्व समाज की ज्वलंत समस्याओं को लेकर लेख लिखते रहते हैं।

इन्ही समर्पित प्रयासों के लिए, उन्हें प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा विभिन्न अवॉर्ड्स तथा रत्न से सम्मानित किया जा चुका है,मुख्यत “भाई चारा रत्न” तथा “ब्रह्मकुमारी चिन्ह” इत्यादि हैं।