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हमारा जो धनुष-बाण है उसकी चोरी हो गई है, इस चोरी में कौन-कौन शामिल है, हम उसकी जांच करेंगे : संजय राउत

ANI_HindiNews
@AHindinews
हमारा जो धनुष-बाण(चुनाव चिन्ह) है, उसकी चोरी हो गई है। इस चोरी में कौन-कौन शामिल है, हम उसकी जांच करेंगे और उन चोरों के बारे में जनता को जागरूक भी करेंगे। दूसरे चुनाव चिन्ह पर हमारी पार्टी में चर्चा हो रही है: चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत, महाराष्ट्र

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मुझे पूरा भरोसा है कि कश्मीर सामान्य होगा, पूरे देश में सबसे आगे होगा और दुनिया भर के लोग कश्मीर आएंगे। वहां पर अब ढ़ेर सारी सुविधाएं खड़ी हो रही हैं: पुणे में कश्मीर के शहीद पुलिस कर्मियों के बच्चों के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

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यातायात की सेवा में शायद देर लगेगी क्योंकि भौगोलिक स्थिति ऐसी है मगर वहां अन्य चीजें बन रही हैं जो कश्मीर को भारत से मजबूती के साथ जोड़ेगी। जिनके भी मन में नापाक इरादे हैं, वो सफल नहीं होंगे: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पुणे

चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े वाली शिवसेना को असली शिवसेना माना है.आयोग ने कहा है पार्टी का नाम और चिह्न ‘धनुष तीर’ शिंदे गुट के पास रहेगा.

चुनाव आयोग के इस फ़ैसले से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को करारा झटका लगा है.

‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने इस मामले की विस्तृत रिपोर्टिंग की है. अख़बार के मुताबिक़ चुनाव आयोग के इस फ़ैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा, “उन्होंने (शिवसेना) हमारा धनुष और तीर चिन्ह चुरा लिया है. लेकिन लोग इस चोरी का बदला लेंगे.”

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फ़ैसले को लोकतंत्र के लिए बेहद ख़तरनाक बताया और कहा कि वो इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.\

अख़बार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ शिंदे ने इस फ़ैसले का स्वागत करते हुए इसे बालासाहेब, आनंद दीघे की विचारधारा की जीत बताया. उन्होंने इसे पार्टी कार्यकर्ताओं, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों की जीत कहा और कहा कि “ये लोकतंत्र की जीत है.”

अख़बार लिखता है कि इस मामले पर चुनाव आयोग के 77 पेज का फ़ैसला बहुमत परीक्षण के आधार पर दिया गया. आयोग के तीन सदस्यीय पैनल ने ये फ़ैसला दिया है. महाराष्ट्र में शिवसेना के कुल 67 विधायकों और विधान परिषद सदस्यों में से 40 शिंदे गुट के पक्ष में थे. संसद के दोनों सदनों के 22 सांसदों में से 13 शिंदे गुट के पक्ष में थे.

चुनाव आयोग ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत कर आए 55 शिवसेना विधायकों के वोटों में से 76 फ़ीसदी वोट शिंदे गुट को मिले, जबकि उद्दव ठाकरे के गुट को सिर्फ 23.5 फीसदी वोट मिले.

अख़बार के मुताबिक़ आयोग ने कहा “पार्टी संविधान के परीक्षण” के आधार पर फ़ैसला नहीं किया जा सकता था क्योंकि पार्टी ने 2018 में संशोधित अपने संविधान की प्रति जमा नहीं कराई थी.

आयोग संगठन में बहुमत परीक्षण के आधार पर भी फ़ैसला नहीं दे सकता था क्योंकि दोनों गुट इसमें अपने-अपने संख्याबल का दावा कर रहे थे जो संतोषजनक नहीं लग रहा था.

आयोग ने कहा कि पार्टी का चिह्न ‘धनुष और तीर’ शिंदे गुट के पास रहेगा. लेकिन पिछले साल बालासाहेबबांची शिवसेना के नाम और इसे दिए गए चिह्न ‘दो तलवार और एक ढाल’ का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा.

आयोग ने शिंदे गुट को जन प्रतिनिधित्व क़ानून 1951 के आधार पर पार्टी के 2018 के संविधान में संशोधन करने को कहा है.