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रीना तिवारी की दो रचनायें, ”उलझन” और ”आंसू” पढ़िये!
Rina Tiwari · ============= शीर्षक -उलझन भ्रमित मन में ही, अपना घर बना लेती है उलझने! मन के तम में भटके , शब्दों का वृहत आयाम ले लेती है उलझने! सोचती हूं , शायद अब उलझने अपना विराम ले लेंगी ! उलझते मेरे सवालों का, एक नियमित आधार लें लेगी ! शायद, मन में उठते […]
दो ट्रेनों को एक ही लाइन पर आते देखोगे तो ऐसी हालत में क्या करोगे?
via – Apna mohalla-अपना मोहल्ला//fb ============== एक बार रेलवे में नौकरी के उम्मीदवार से इंटरव्यू में पूछा गया कि दो ट्रेनों को एक ही लाइन पर आते देखोगे तो ऐसी हालत में क्या करोगे? उम्मीदवार ने कुछ सोचकर जवाब दिया कि मैं ट्रैक बदलने वाले कर्मचारी को तुरंत सूचित करूंगा। साक्षात्कारकर्ता ने फ़िर पूछा कि […]
मनुष्य के जीवन में प्रतिदिन चारों युग आते हैं, इस प्रकार राष्ट्रगान पूरी तरह भारतीय संस्कृति का संवाहक है : #लक्ष्मी_सिन्हा का लेख पढ़िये
Laxmi Sinha ============= हमारे राष्ट्रगान का प्रभाव ‘जन_ गण_ मन’ से होता है। मानव शरीर जहां विविध जनों का सूचक है तो मनुष्य की प्रवृतियां और सोच_विचार उनके गण हैं। इन्हीं गाणों के अधीन मनुष्य जीवनपर्यंत रहता है, जोमन को प्रभावित करता है।मन को नियंत्रण करने की साधना ऋषियों ने भी बताई है, जिससे मनुष्य […]