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हाथ में तिरंगा, ज़मीन पर पहलवान, संसद में बृजभूषण : जंतर-मंतर पर धरना दे रहे खिलाड़ियों को हटाया गया, टेंट उखाड़े : रिपोर्ट

दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे कुश्ती खिलाड़ियों को यहां से हटा दिया गया है. पहलवान बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ धरना दे रहे थे.

यहां फिलहाल टेंट नहीं दिख रहे हैं.

अभिनव गोयल
पदनाम,बीबीसी संवाददाता
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दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे ओलंपिक मेडल विजेता पहलवानों समेत कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर अलग-अलग स्थानों पर रखा है.

वहीं दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कहा है कि अभी ये आंदोलन खत्म नहीं हुआ है.

एक ट्वीट में साक्षी मलिक ने कहा, “पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे. इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा.”

दूसरी तरफ़ पहलवानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे किसान संगठनों ने भी लड़ाई तेज़ करने का दावा किया है.

उत्तर प्रदेश से दिल्ली को जोड़ने वाले ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया.

ग़ाज़ीपुर पर किसानों ने अपना प्रदर्शन ख़त्म कर दिया है. राकेश टिकैत ने कहा, “आज का प्रदर्शन खत्म, अब कुछ दिनों में मीटिंग करके आगे का फैसला लिया जाएगा. चूंकि अब पहलवानों को पुलिस छोड़ रही है इसलिए यहां आए हुए लोगों का धन्यवाद सभी वापस लौट जाएं.”

किसान फैजाबाद, अमरोहा में मीटिंग करेंगे और वहीं खाप पंचायत और खेल कमेटियां जो भी फैसला लेंगी वहीं मानेंगे.

दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
पहलवानों पर कार्रवाई के बाद आलोचना का सामना कर रही दिल्ली पुलिस ने पूरे घटनाक्रम पर अपना पक्ष रखा है.

दिल्ली पुलिस के स्पेशनल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा कि जिन लोगों ने बैरिकेड तोड़ कर आगे जाने की कोशिश की है उन्हें रोका गया और यहां से हटाकर दूसरी जगह ले जाया गया है.

उन्होंने कहा कि बाकी क़ानूनी कार्रवाई क्या होगी, क्या उल्लंघन हुआ है, इस बारे में आंकलन कर आगे क़ानून सम्मत कार्रवाई करेंगे.

वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया को क़ानून व्यवस्था के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिया.

जंतर-मंतर से हटाया गया पहलवानों का टेंट

बीबीसी से बात करते हुए किसानों का कहना था कि जब तक महिला पहलवानों को रिहा नहीं किया जाएगा, वो यहां से नहीं हटेंगे.

पुलिस ने जंतर-मंतर पर मीडियाकर्मियों को भी धरना स्थल तक नहीं जाने दिया जा रहा है.

दिल्ली पुलिस ने धरना स्थल से पहलवाने के टेंट और गद्दों को भी हटा दिया है और यहां भारी बैरिकेडिंग की है.

बीबीसी संवाददाता के मुताबिक धरना स्थल से दिल्ली पुलिस ने सामान को वाहनों में भरवाकर यहां से हटा दिया है.

जंतर-मंतर पर जिस समय ये कार्रवाई चल रही थी लगभग उसी समय यहां से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नव-निर्मित संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे.

महिला पहलवानों ने अपने मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की थी. लेकिन प्रधानमंत्री या भारत सरकार के किसी मंत्री ने अभी इस विषय पर कुछ नहीं कहा है.

अलग-अलग जगहों पर भेजे गए हिरासत में लिए गए पहलवान

भारत के गोल्ड मेडल विजेता एथलीट नीरज चोपड़ा ने पहलवानों पर पुलिस कार्रवाई का वीडियो साझा करते हुए दुख ज़ाहिर किया है. नीरज चोपड़ा ने कहा कि इससे निपटने का बेहतर तरीक़ा होना चाहिए था.

इससे पहले पुलिस टीमें हिरासत में लेने के बाद पहलवानों और प्रदर्शनकारियों को अलग-अलग थानों में लेकर गई हैं.

दिल्ली के वसंत कुंज थाने में भी कई प्रदर्शनकारियों को लाया गया है. मेरठ से आई एक महिला गीता चौधरी ने बीबीसी से कहा, “मेरठ से हम पांच छह महिलाएं शनिवार रात आठ बजे जंतर मंतर पर पहलवानों का साथ देने के लिए आई थीं. पुलिस मेरे बाकी साथियों को अलग अलग थाने में लेकर गई है.”

उन्होंने कहा, “पुलिस ने आज जो किया वो गलत है. हमें घसीटा गया. मोदी सरकार तानाशाही कर रही है, जब तक पहलवानों को न्याय नहीं मिलेगा तब तक घर वापस नहीं जाएंगे.”

दिल्ली के वसंत कुंज थाने के अंदर मौजूद हरियाणा की रहने वाली डॉ सिक्किम नैन ने बीबीसी हिंदी से बातचीत में कहा कि पुलिस ने इस थाने में करीब बीस औरतों और करीब 50 आदमियों को हिरासत में रखा हुआ है। जब तक हमारे खिलाड़ियों को न्याय नहीं मिलेगा हम धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। हमारे साथियों को अलग अलग थानों में पुलिस ने रखा हुआ है। जंतर मंतर पर आज सरकार ने बेटियों के साथ जो सलूक किया है उसे याद रखा जाएगा।

इससे पहले एक ट्वीट करके साक्षी मलिक ने बताया, “सभी पहलवानों और बुजुर्गों माताओं को हिरासत में लेने के बाद अब पुलिस ने जंतर मंतर पर हमारा मोर्चा उखाड़ना शुरू कर दिया है. हमारा सामान उठाया जा रहा है. ये कैसी गुंडागर्दी है?”

साक्षी मलिक ने ट्विटर पर पहलवानों से बदसलूकी का एक वीडियो भी शेयर किया है. इस पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा, “देश का मान बढ़ाने वाले हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बेहद ग़लत एवं निंदनीय.”

महिला पहलवानों ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. दिल्ली पुलिस इन आरोपों की जांच कर रही है. बृजभूषण अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते रहे हैं.

मीडिया से बात करते हुए ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, “हमारे लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है. हरियाणा में, दिल्ली में हमारे लोगों को पकड़ा गया है.”

एक और ट्वीट में साक्षी मलिक ने कहा, “ये भारतीय खेलों के लिए दुखद दिन है. यौन शोषण करने वाला गुंडा बृजभूषण आज संसद में बैठा है और हमें सड़क पर घसीटा जा रहा है.”

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहीं महिला पहलवानों ने रविवार को दिल्ली में महिला महापंचायत करने का आह्वान किया था. रविवार को ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन किया है.

पहलवानों के आह्वान की वजह से दिल्ली में सुरक्षा के सख़्त इंतज़ाम किया गया और दिल्ली की तरफ़ आने वाले रास्तों की नाकेबंदी कर दी गई.

हाथ में तिरंगा, ज़मीन पर पहलवान

सोशल मीडिया पर तिरंगा हाथ में लिए हुए ज़मीन पर पड़ी पहलवान विनेश फोगाट की एक तस्वीर भी वायरल हो रही है.

इसी वायरल तस्वीर को ट्विटर पर शेयर करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा, “खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं. उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है. भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाज़ों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है. ये एकदम ग़लत है. पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की है.

कांग्रेस ने एक प्रेसवार्ता करके भी पहलवानों पर कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “एक महीने से अधिक समय तक ये लड़कियां शांतिपूर्ण तरीक़े से बैठी थीं, आज वो प्रदर्शन करना चाहती थीं और उनके साथ ऐसा बर्ताव किया गया.”

श्रीनेत से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है तो उन्होंने कहा, “ये इस देश की आधी आबादी की अस्मिता का सवाल है. ये महिलाओं के अधिकार की मुद्दा है, कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है. ना ही ये विपक्ष की एकता का मुद्दा है और ना ही राजनीति का. इस मुद्दे पर राजनीति करना इन बेटियों के मान सम्मान को पैरों तले रौंदना हैं.”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक ट्वीट में कहा है, “दिल्ली पुलिस ने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और अन्य पहलवानों के साथ बदसलूकी की है. हमारे चैंपियनों के साथ इस तरह का बर्ताव शर्मनाक है. लोकतंत्र सहिष्णुता में बसता है लेकिन निरंकुश ताक़तें असंतोष को दबाने और अहिष्णुता से पनपती हैं. मैं पहलवानों के साथ खड़ी हूं और दिल्ली पुलिस से उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग करती हूं.”

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन

किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की है और दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ प्रदर्शन किया.

राकेश टिकैत ने ट्विटर पर लिखा है, “पहलवान बेटियों को जबरन सड़क पर घसीटने वाली केंद्र सरकार संसदीय मर्यादाओं की दुहाई देकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है, लेकिन बेटियों की चीख आज हुक्मरानों को नहीं सुनाई दी. हमारी बेटियों को हिरासत से छोड़ने और न्याय मिलने तक किसान गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहेंगे.”

हालांकि देर शाम टिकैत ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर ये कहते हुए प्रदर्शन ख़त्म करने का ऐलान किया कि पुलिस पहलवानों को छोड़ रही है, इसलिए प्रदर्शन ख़त्म कर रहे हैं.

टिकैत के आह्वान के बाद बड़ी तादाद में किसान ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे थे और प्रदर्शन किया.

गाज़ीपुर बॉर्डर पर मौजूद सहारनपुर से आए पदम सिंह सैनानी ने कहा, “लडकियों के साथ जो बदसलूकी की है उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. न्याय दिलाने के लिए आए हैं. जब तक लडकियों को छोड़ नहीं देते तब तक घर नहीं जाएंगे. गूंगी बहरी सरकार सत्ता में आ गई है, जो किसी की नहीं सुन रह है.”