हिंद महासागर में वैज्ञानिकों ने मछलियों की कुछ नई प्रजातियां खोजी हैं जो मनुष्य को समुद्र की उन गहराइयों के बारे में बताती हैं, जहां अब तक इंसान की पहुंच ही नहीं थी.
पर्थ से करीब ढाई हजार किलोमीटर दूर समुद्र में ऑस्ट्रेलिया के सबसे दूर-दराज इलाके में एक द्वीप है जिसे कोकोस द्वीप कहते हैं. हिंद महासागर के इस द्वीप में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकजैव विविधता और समुद्रतल का नक्शा तैयार करने का काम कर रहे हैं, जो विश्व में पहली बार हो रहा है. अपने इस अभियान के दौरान इन्वेस्टिगेटर जहाज पर सवार इन वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे अनोखे जीव खोजे हैं जिन्हें इंसान ने पहली बार देखा है.
डंपलिंग जैसी दिखने वाली मछली से लेकर अपने ‘गलफड़ों’ पर खड़े होने वाले जीवों तक जैसे अनूठे जीव वैज्ञानिकों ने खोजे हैं, जिन्हें नाम देने की प्रक्रिया अभी चल रही है. ये जीव समुद्र की गहराई में पांच किलोमीटर नीचे तक पाए गए हैं जहां ना रोशनी है, ना खाना है.
ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय शोध संस्थान कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (CSIRO) द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का नेतृत्व विक्टोरिया प्रांत की म्यूजियम्स विक्टोरिया नाम की संस्था कर रही है. इन्वेस्टिगेटर जहाज पर सवार म्यूजियम विक्टोरिया की अधिकारी डाएन ब्रे के मुताबिक वैज्ञानिकों ने जो मछलियां खोजी हैं, वे अनूठी और डरावनी हैं.
सितंबर में जब इन्वेस्टिगेटर अपनी यात्रा पर निकला था, तब इस अभियान को ‘अनजान जगहों पर खजाने की तलाश’ कहा गया था. सीएसआईआरओ ने कहा, “हमारा शोध जहाज इन्वेस्टिगेटर समुद्र की गहराइयों में जाने की प्रभावशाली क्षमता रखता है और हमारे महासागरों के दूर-दराज इलाकों में काम करने में काबिल है. हमारे महासागरों का पूरी तरह अनुसंधान नहीं हुआ है. इसलिए समय-समय पर हमारे शोधकर्ता नई प्रजातियां खोजते हैं.”