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तौहीद और शिर्क : सूरए साफ़्फ़ात आयतें 149-160 : पार्ट-44
सूरए साफ़्फ़ात आयतें 149-160 فَاسْتَفْتِهِمْ أَلِرَبِّكَ الْبَنَاتُ وَلَهُمُ الْبَنُونَ (149) أَمْ خَلَقْنَا الْمَلَائِكَةَ إِنَاثًا وَهُمْ شَاهِدُونَ (150) أَلَا إِنَّهُمْ مِنْ إِفْكِهِمْ لَيَقُولُونَ (151) وَلَدَ اللَّهُ وَإِنَّهُمْ لَكَاذِبُونَ (152) इन आयतों का अनुवाद हैः अब उनसे पूछो, “क्या तुम्हारे रब के लिए तो बेटियाँ हों और उनके अपने लिए बेटे? (37:149) क्या हमने फ़रिश्तों को औरतें […]
तसवूफ़ एक बदनाम लफ़्ज़ होकर रह गया है….तसवूफ़ क्या है? : Part-3
Razi Chishti ================ (3) अल्लाह swt फ़रमा रहा है कि आँखें उसको नहीं पासकतीं (6:103) और सूरह हज में फ़रमा रहा है कि बात यह है कि आँखें अंधी नहीं होती हैं लेकिन सीनों में जो दिल हैं वो अंधे होते हैं(22:46). इस तरह कुरान से दिल कि बीनाई साबित है फिर दिल से किस […]
तौहीद और शिर्क : सूरए साफ़्फ़ात आयतें 133-138 : पार्ट-42
सूरए साफ़्फ़ात आयतें 133-138 وَإِنَّ لُوطًا لَمِنَ الْمُرْسَلِينَ (133) إِذْ نَجَّيْنَاهُ وَأَهْلَهُ أَجْمَعِينَ (134) إِلَّا عَجُوزًا فِي الْغَابِرِينَ (135) ثُمَّ دَمَّرْنَا الْآَخَرِينَ (136) इन आयतों का अनुवाद हैः और निश्चय ही लूत भी रसूलों में से थे (37:133) याद करो, जब हमने उन्हें और उनके सभी लोगों को बचा लिया, (37:134) सिवाय एक बुढ़िया के, […]