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हिज़्बुल्लाह रोज़ाना 3000 हज़ार से ज़यादा मीसाइल फायर कर सकता है : नेतनयाहू के मंत्रीमण्डल पर छाए काले बादल : रिपोर्ट

एक जायोनी संचार माध्यम ने लिखा है कि बेहतर यह है कि हिज़्बुल्लाह के सैन्य अभ्यास को कम न समझाया जाये क्योंकि वह युद्ध में एक दिन में तीन हज़ार से अधिक मीसाइल फायर कर सकता है।

समाचार एजेन्सी फार्स की रिपोर्ट के अनुसार यदीऊत अहारनोत के सैनिक पत्रकार यूसा येहशूअ ने हिज़्बुल्लाह की सैनिक ताकत के बारे में चेतावनी दी है।

यदीऊत अहारनोत ने हिज़्बुल्लाह के हालिया युद्धाभ्यास के बारे में कहा कि यह सैन्य अभ्यास केवल प्रचारिक युद्धाभ्यास नहीं था बल्कि हिज़्बुल्लाह अतिग्रहित फिलिस्तीन पर हमला करने और जायोनी कालोनियों में रहने वालों को बंधक बनाने वाले लड़ाकों को भेज के लिए तैयार है।

इस जायोनी समाचार पत्र ने लिखा कि युद्ध में इस्राईल की वास्तविक चिंता हिज़्बुल्लाह है, हिज़्बुल्लाह एक दिन में तीन हज़ार से अधिक बहुत सटीक मीसाइल फायर कर सकता है। इसी तरह इस समाचार पत्र ने लिखा कि हिज़्बुल्लाह के इस सैन्य अभ्यास में इस्राईल के कई नगरों पर हमला करने और बंधक बनाने का अभ्यास किया गया।

इसी तरह इस जायोनी समाचार पत्र ने लिखा है कि हिज़्बुल्लाह के इस युद्धाभ्यास को मज़ाक न समझा जाये और उसकी थल शक्ति में ध्यानयोग्य वृद्धि हो गयी है विशेषकर उसके लड़ाकों ने सीरिया में अनुभव हासिल कर लिया है।

ज्ञात रहे कि हिज़्बुल्लाह ने दक्षिणी लेबनान की 23वीं आज़ादी की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 21 मई को एक सैन्य अभ्यास आयोजित किया था जिसका उद्देश्य अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हिज़्बुल्लाह की शक्ति प्रदर्शन और अपनी तत्परता का एलान करना था।

इस युद्धाभ्यास के एक भाग में इस्राईल के सैनिकों को बंधक बनाने और जायोनी नगरों व कस्बों पर हमले का अभ्यास किया गया। इस युद्धाभ्यास में ड्रोन विमानों, मिसाइलों और दूसरे सैन्य संसाधनों व हथियारों का परीक्षण किया गया।

हिज़्बुल्लाह ने ताक़त दिखाई, इस्राईल की नींद हुई हराम

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह ने रविवार को दक्षिणी लेबनान की आज़ादी की 23वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर लेबनान की धरती की रक्षा के लिए प्रतिरोध की तैयारी का प्रदर्शन करने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया।

25 मई 2000 को ज़ायोनी शासन को लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के प्रतिरोध से मुंह की खाने के बाद लज्जाजनक पराजय का सामना करना पड़ा जिसके परिणामस्वरूप इस्राईली सेनाएं दक्षिणी लेबनान से पीछे हटने पर मजबूर हुईं इसीलिए इस दिन को लेबनान में “प्रतिरोध की ईद” के रूप में मनाया जाता है।

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध ने दक्षिणी लेबनान में और अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की सीमा पर अपनी तकनीकी और सैन्य क्षमताओं का एक छोटा सा हिस्सा प्रदर्शित किया। इस अभूतपूर्व सैन्य अभ्यास के कवरेज के लिए सैकड़ों पत्रकार मौजूद थे।

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध ने इस सैन्य अभ्यास का शीर्षक था “हम कर गुजरेंगे, और हम कर गुज़र रहे हैं”। इस सैन्य अभ्यास से इस्लामी प्रतिरोध ने अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन को कई महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं।

इस अभ्यास को 650 से अधिक पत्रकारों, मीडिया हस्तियों और लेबनानी और विदेशी फोटोग्राफरों ने कवरेज दिया जो उनके लिए बहुत ही रोमांचक दिन था।

मीडिया कर्मियों ने हिज़्बुल्लाह की मीडिया इकाई के निमंत्रण पर इस सैन्य युद्धाभ्यास में भाग लिया जिसमें किसी भी टकराव की स्थिति में पूरी तैयारी का प्रदर्शन पेश किया गया है।

इस सैन्य अभ्यास में जिसे कई लोग ज़ायोनी शासन के लिए एक चेतावनी के रूप में देख रहे हैं, अपनी क्षमताओं का केवल एक छोटा सा हिस्सा दिखाया गया। इस सैन्य अभ्यास के दौरान हल्के वाहनों पर लगे एंटी-टैंक मिज़ाइल, विभिन्न रेंज और आकार के रॉकेट लॉन्चर्स, बक्तरबंद वाहन जैसे कई प्रकार के हथियार और ड्रोन विमानों का प्रदर्शन किया गया।

ज़ायोनी मीडिया ने इस बारे में कहा कि इस युद्धाभ्यास में जिन हथियारों का प्रदर्शन नहीं किया गया, वह पॉइंट-लॉन्चिंग मिज़ाइल हैं और सबसे मुख्य और अहम समस्या यही है कि पॉइंट-लॉन्चिंग मिज़ाइल का अनावरण न किए जाने का मक़सद, सुरक्षा और सैन्य संस्थानों कीकी नज़रों से बचाना है।

इस युद्धाभ्यास में अवैध अधिकृत उत्तरी फ़िलिस्तीन में घुसने और जलील क्षेत्र पर नियंत्रण की भी प्रैक्टिस की गयी जो ज़ायोनियों का सबसे बड़ा दुःस्वप्न है। इस सैन्य अभ्यास में हिज़्बुल्लाह की स्पेशल यूनिट “रिज़वान” के लड़ाके इस्राईली हल्क़ों के ध्यान का केन्द्र रहे हैं जो विशेष वर्दी पहने बक्तरबंद गाड़ियों पर अपने चेहरों पर मास्क पहने बैठे नज़र आए। रिज़वान ब्रिगेड के सैनिकों तैयारी देखकर ज़ायोनी हल्क़े बुरी तरह बौखला गये और इस्राईल की ओर से अनेक प्रकार की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं।


नेतनयाहू के मंत्रीमण्डल पर छाए काले बादल

नेतनयाहू के मंत्रीमण्डल को गिराने की कोशिशें तेज़ी से बढ़ रही हैं।

ज़ायोनी शासन के पूर्व युद्धमंत्री ने इस शासन के मंत्रीमण्डल को जल्द से जल्द गिराने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।

बेनी गैंट्स का कहना है कि नेतनयाहू के वर्तमान मंत्रीमण्डल को गिराकर इसके स्थान पर एक नया मंत्रीमण्डल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया है कि वर्तमान परिस्थितियों में सबसे पहले हमें ज़ायोनी शासन की रक्षा करनी है। एसे में हमें ज़ायोनियों को मतभेदों से बचाते हुए आर्थिक और सुरक्षा संबन्धी समस्याओं से बचना होगा।

विपक्षी गठबंधन के नेता के अनुसार सबसे पहले हमें ज़ायोनी शासन की न्यायिक व्यवस्था के राजनीतिकरण को रोकना होगा। एसा करने के लिए सबसे पहले हमको हर हालत में वर्तमान दुष्ट मंत्रीमण्डल को बदलना होगा।

ज्ञात रहे कि भारी दबाव के कारण नेतनयाहू को अपनी न्यायिक सुधार योजना को फिलहाल रोकना पड़ा है। उनकी इस योजना का पूरे इस्राईल में विरोध किया जा रहा है।

नेतनयाहू के मंत्रीमण्डल की नई न्यायिक सुधार योजना के अन्तर्गत वहां की न्यायिक प्रणाली के अधिकार कम हो जाएंगे और उसके स्थान पर एक्ज़ीक्यूटिव और लेजिसलेटिव पालिकाओं के अधिकार बढ़ जाएंगे। नेतनयाहू की इस योजना के विरोध में लंबे समय से इस्राईल में प्रदर्शन किये जा रहे हैं जो विगत की तुलना में हर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं।