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ग़रीब, बेहसहारा लोगों की आँखों का मुफ़्त में ऑपरेशन करते हैं डॉ मुस्तफ़ा-जिनके जज्बे को लाखों सलाम

नई दिल्ली: अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने क़ुरआन पाक में कहा है जो लोगों को फायदा पहुंचाता है अल्लाह उसको दुनिया मे जमाते हैं यानी तरक़्क़ी देते हैं,ख़िदमत ऐ ख़ल्क़ या समाजसेवा इस्लाम के मौलिक सिद्धांतों में से है,दुनिया ने ख़िदमत इंसानियत और तहज़ीब पिछली सदियों में मुसलमानों से सीखी है,लेकिन आजके दौर में इसकी बड़ी कमी देखने को मिलती है।

बेसहारों,यतीमों ,गरीबों की हर संभव सहायता करना इस्लाम मे सबसे ज़्यादा सवाब का काम बताया गया है और इस्लाम धर्म ने इस पर सबसे ज्यादा काम किया है। और पैग़ंबरे इस्लाम में हमेशा इसका हुक्म भी दिया है ।इसलिए उनके आदेशों का पालन करते हुए हमारे अंदर भी खिदमते इंसानियत का जज्बा होना चाहिए।

उक्त बातें पश्चिमी बंगाल के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ० असद इकबाल के पुत्र डॉ० मुस्तफा साद ने बारा चकिया स्थित हरपुर गांव में मुफ्त नेत्र ऑपरेशन शिविर के समापन समारोह में कहा, और बताया कि आंख खुदा की सबसे बड़ी कीमती नेमत है।

इसका महत्व वह लोग जानते हैं जो किसी रोग के कारण आंख और बिनाइ से वंचित हैं ।और इंसानियत की सेवा की खातिर प्रत्येक वर्ष इस तरह का मुफ्त शिविर आयोजित कीया जाएगा। और मजबूर बेसहारा लोगों की हर संभव सहायता की जाएगी।

आज भी बहुत ऐसे मजबूर व्यक्ति हैं जो तंग दस्ती के कारण विभिन्न प्रकार के नेत्र रोगों से पीड़ित हैं ।इलाज व उपचार से असमर्थ हैं, ऐसे लोगों की सहायता करना ही मानवता है।और यह हमारा कर्तव्य भी है।

जबकि इं०अजमल राशिद ने बताया कि डॉ० मुस्तफा साद व एन बी ओ पेपर पलेन फाउंडेशन लखनऊ के सौजन्य से कुल 28 रोगियों का सफल ऑपरेशन किया गया ,और उन्हें हर तरह की सुविधा मुफ्त उपलब्ध कराई गई।

और आने वाले दिनों में हर साल लगभग सौ मरीजों की आंख का ऑपरेशन मुफ्त किया जाएगा। जिसमें चिकित्सक मुस्तफा साद की अहम भूमिका होगी। और साल में एक महीना चकिया में बैठेंगे और मुफ्त इलाज करेंगे।

इस अवसर से सबीहा नाज,अनवर अली अंसारी, मेहदी हसन अंसारी, आज़ाद आलम सल्फ़ी,मोहम्मद मुजतबा, समाजसेवी मास्टर शहाब आलमशकील शागिल सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे