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फ़रीदकोट के डीएसपी ड्रग सप्लायर से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ़्तार

चंडीगढ़।भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट करते हुए पंजाब पुलिस ने फरीदकोट के डीएसपी लखवीर सिंह को तरनतारन में एक ड्रग सप्लायर से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। डीएसपी ने यह रिश्वत की रकम, एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज एक एफआईआर में ड्रग सप्लायर को नामजद न करने के बदले ली थी। इस मामले में आगे कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस ने डीआईजी इंदरबीर सिंह को भी हिरासत में ले लिया है।

यह मामला उस समय सामने आया, जब तरनतारन जिला पुलिस ने रविवार को पट्टी मोड़ के निकट एक पेट्रोल पंप से ड्रग सप्लायर पिशौरा सिंह को 250 ग्राम अफीम और 1 लाख रुपये की ड्रग मनी समेत गिरफ्तार किया। तरनतारन के गांव मॉडल बोपाराए निवासी पिशौरा 30 जून 2022 की एफआईआर में वांछित था, जिसमें तरनतारन के गांव माड़ी मेघा निवासी सुरजीत सिंह को 900 ग्राम अफीम समेत गिरफ्तार किया गया था।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि तरनतारन पुलिस की तरफ से गई जांच के दौरान सुरजीत ने खुलासा किया कि उसने नशे का मुख्य सप्लायर पिशौरा सिंह से अफीम खरीदी थी।

छापे पड़ने शुरू हुए तो सीआईए इंचार्ज से साधा संपर्क
डीजीपी ने बताया जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए छापे मारने शुरू किए तो पिशौरा ने एमएचसी सीआईए पट्टी के तौर पर तैनात एएसआई रशपाल सिंह के जरिए पट्टी के सीआईए इंचार्ज को इस केस में गिरफ्तारी न करने और नामजद न करने के एवज में 7-8 लाख रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की। लेकिन इंचार्ज ने रिश्वत लेने से इन्कार कर दिया और पुलिस टीमों ने पिशौरा को गिरफ्तार करने के लिए अपनी कोशिशें जारी रखीं।

चचेरे भाई की मदद से डीएसपी से किया सौदा
डीजीपी ने बताया कि इसके बाद पिशौरा ने अपने परिचित निशान सिंह निवासी गांव सीतो (तरनतारन) के जरिये रशपाल सिंह के भाई हीरा सिंह से मुलाकात की। दोनों ने मिलकर डीएसपी लखवीर, जो कि हीरा सिंह का चचेरा भाई है, के पास पहुंच की। वहां डीएसपी ने ड्रग सप्लायर की मदद करने के लिए 10 लाख रुपये में सौदा तय कर लिया और हीरा सिंह को रकम अपने पास ही रखने को कहा।

पुलिस ने पिशौरा सिंह के खुलासे पर हीरा सिंह के घर से 9.97 लाख रुपये की नकदी भी बरामद की। इस मामले में एसएसपी तरनतारन रणजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि पुलिस ने एफआईआर में एएसआई रशपाल सिंह, निशान सिंह और हीरा सिंह को भी नामजद कर लिया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। वहीं, इस पूरे नैक्सस में डीआईजी इंदरबीर सिंह को भी हिरासत में लिया गया है।

भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी पुलिस अधिकारी, कर्मचारी को बक्शा नहीं जाएगा। लोग भ्रष्टाचार की रिपोर्ट करने के लिए पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन नंबर 9501200200 डायल कर सकते हैं।
-गौरव यादव, कार्यवाहक डीजीपी, पंजाब पुलिस