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1.45 लाख रुपये में किसी के भी इंस्टाग्राम अकाउंट को वेरीफ़ाई कराकर ब्लू टिक, एक मिलियन व्यूज़ के लिए 10 हज़ार रुपये : बड़ा ख़ुलासा

ट्विटर पर अपना अकाउंट वेरीफाई कराने के लिए ना जाने कितनी बार आवेदन किया होगा, लेकिन निराशा हाथ लगी। इंस्टाग्राम पर ब्लूटिक मिल जाए तो कमाई भी अच्छी होती है। और, यूट्यूब चैनल के व्यूज और लाइक्स की संख्या के नाम पर तो ना जाने क्या क्या हो रहा है। ‘अमर उजाला’ को जानकारी मिली कि इस सबके पीछे मुंबई में एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है, ये लोग उभरते कलाकारों से हजारों लाखों रुपये इन सब कामों के लिए ले रहे हैं और सोशल मीडिया पर अपना रुतबा बढ़ाने के लिए लोग इनके झांसे में भी खूब फंस रहे हैं।

इस पूरे गोरखधंधे की तफ्तीश की और ये सच

जानकारी के मुताबिक मुंबई के उपनगर मलाड पश्चिम कांचपंडा में अग्रवाल एस्टेट में एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी है जो उभरते कलाकारो और सोशल मीडिया पर चर्चित लोगों से उनका अकाउंट वेरीफाई कराने के नाम पर पैसे मांगती है। ‘अमर उजाला टीम’ ने जब इस एजेंसी के बारे में मौके पर जाकर पड़ताल की तो आसपास किसी को इसके नाम के बारे में नहीं मालूम। फोन पर जो पता दिया गया वहां भी एजेंसी के नाम की बजाय ‘फ्यूचर ग्रीन इंटरप्राइजेज’ के नाम से बोर्ड लगा मिला। आबिद शेख नाम के जिस शख्स से इस बारे में फोन पर संपर्क हुआ वह भी यहां नहीं मिला।

बॉलीवुड स्टार मीडिया डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी की तरफ से आबिद शेख नामक एक शख्स ने जिस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से संपर्क किया, उससे मिले नंबर पर ‘अमर उजाला’ ने बात की तो फोन उठाने वाले शख्स ने अपना नाम आबिद शेख ही बताया। आबिद शेख ने दावा किया कि उनकी एजेंसी 1.45 लाख रुपये में किसी के भी इंस्टाग्राम अकाउंट को वेरीफाई कराकर ब्लू टिक दिला सकती है। ऐसा कैसे होता है, ये पूछने पर आबिद ने बताया कि वह पहले संबंधित कलाकार का किसी इंग्लिश न्यूजवेबसाइट पर एक आर्टिकल छपवाती है और फिर इस लिंक के सहारे अकाउंट वेरीफाई कराती है। अकाउंट वेरीफाई कराने का सौदा कराते समय कंपनी आधा पैसा एडवांस लेती है और इस दौरान अपने पुराने ग्राहकों के नाम भी नहीं बताती है।

इंस्टाग्राम पर इन दिनों लोग रील्स बना रहे हैं। बताते हैं कि तमाम कंपनियां सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के रील्स से व्यूज देखकर उनसे अपने उत्पादों का प्रचार भी कराती हैं और इसके लिए इन कलाकारों को खूब पैसे भी मिलते हैं। बॉलीवुड स्टार मीडिया डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी का दावा है कि वह इंस्टाग्राम पर रील्स के व्यूज भी बढ़वा देती है और 10 लाख यानी एक मिलियन व्यूज के लिए कंपनी 10 हजार रुपये लेती है। धनराशि का भुगतान नकद और चेक दोनों से लिया जाता है, धंधा इतना चोखा चल निकला है कि कंपनी इस पर जीएसटी भी चार्ज करने का दावा करती है।

और, अब कहानी फेसबुक की। फेसबुक और इंस्टाग्राम दोनों एक ही कंपनी मेटा के उत्पाद हैं। इंस्टाग्राम जैसी सेटिंग इस एजेंसी ने फेसबुक पर भी व्यूज और लाइक्स बढ़ाने के लिए कर रखी है। इसके लिए कंपनी ने तीन पैकेज रखे हैं, सिल्वर पैकेज, गोल्डन पैकेज और डायमंड पैकेज। सिल्वर पैकज में 20 हजार रुपये देकर 10 हजार लाइक्स और 10 हजार व्यूज खरीदे जा सकते हैं। गोल्डन पैकेज में 25 हजार रुपये देकर 10 हजार लाइक्स और व्यूज के अलावा 50 हजार इंप्रेशन व रीच भी दिलाने का दावा है। डायमंड पैकेज की कीमत बातचीत से तय होगी, इसमें पांच लाख फालोअर्स, पांच लाख लाइक्स और 75 हजार इंप्रेशन व 90 हजार रीच दिलाने का दावा है।

फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसा धंधा यूट्यूब पर लाइक्स और सब्सक्राइबर दिलाने का भी चल रहा है। यूट्यूब ने यूजर्स को अपने वीडियो मोनेटाइज करने के लिए अब कुछ न्यूनतम शर्तें लागू कर दी हैं। अब किसी चैनल पर अपलोड किए जाने वाले वीडियोज के व्यूज से पैसा तभी कमाया जा सकता है जब उस चैनल के कम से कम एक हजार सब्सक्राइबर हों और चैनल के वीडियोज कम से कम 40 घंटे तक देखे जा चुके हों। लेकिन, मुंबई में इसका भी हल है। किसी भी यूट्यूब चैनल के सब्सक्राइबर एक हजार करने और 40 घंटे का वॉचिंग टाइम पूरा करने के लिए ये कंपनी 15 हजार रुपये लेती है। इसमें ये कंपनी 10 हजार व्यूज और 100 कमेंट्स की भी गारंटी लेती है।

सोशल मीडिया के अलावा इन दिनों एक आईएमडीबी रेटिंग का भी खूब हल्ला है। इस कंपनी को प्राइम वीडियो ओटीटी चलाने वाली कंपनी अमेजन ने खरीद लिया है। और, इस पर अपना अकाउंट बनाने और फिर उसे वेरीफाई कराने का एक अलग धंधा भी इन दिनों मुंबई में चल निकला है। कलाकारों के आईएमडीबी अकाउंट बनाने के लिए बॉलीवुड स्टार मीडिया जैसी कंपनियां 15 हजार रुपये तक वसूल रही हैं।

इस बारे में जब कई संघर्षशील कलाकारों से बात की गई तो उन्होंने यही कहा कि सोशल मीडिया के दिग्गज प्लेटफॉर्म ब्लूटिक देने या अकाउंट वेरीफाई करने में महीनों लगा देते हैं। वेरीफिकेशन रिक्वेस्ट कैंसिल होने पर ना तो इसकी वजह बताई जाती है और ना ही फॉर्म भरते समय ही इस बात का कोई संकेत मिलता है कि क्या क्या अनिवार्य चीजें जमा कर देने पर अकाउंट वेरीफाई हो सकता है। ट्विटर का हाल इस मामले में सबसे खराब है। इसके अकाउंट पर एक बार वेरीफिकेशन रिक्वेस्ट नामंजूर हो जाने पर दोबारा आवेदन करने के लिए भी काफी लंबा इंतजार करना होता है। सोशल मीडिया पर ब्लूटिक और वेरीफिकेशन की पारदर्शी व्यवस्था न होने के चलते ही इनके नाम पर धंधा शुरू होने की बात भी ये कलाकार कहते हैं।

सोर्स : अमर उजाला