मनोरंजन

1954 में ‘मिस इंडिया’ रह चुकी 🎬अभिनेत्री लीला नायडू के बारे में जानिये!

Manohar Mahajan
==========
🎬अभिनेत्री लीला नायडू:
~~~~~~~~~~~~~~
1954 में ‘मिस इंडिया’ रह चुकी लीला नायडू को मधुबाला एवं सुचित्रा सेन के अपवाद को छोड़कर अपने समय में किसी भी हिन्दी फिल्म अभिनेत्री से अधिक सुंदर कहा गया है।

इन्हें 1954 में ही ‘वॉग’ पत्रिका द्वारा गायत्री देवी के साथ विश्व की दस सर्वश्रेष्ठ सुंदरियों में शामिल किया गया था। इनके पिता प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक रमैया नायडू (आंध्र प्रदेश) से एवं माता आयरिश थीं।

1960 में ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा बनाई गई फिल्म ‘अनुराधा’ से इनका फिल्मी सफ़र शुरू हुआ।1963 में आर के नैय्यर द्वारा निर्देशित फिल्म ‘ये रास्ते हैं प्यार के’ ने इन्हें ख्याति दिलाई।फिल्म में सुनील दत्त के साथ उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई थी।

इसी साल मर्चेंट आइवोरी प्रोडक्शन द्वारा निर्मित फिल्म ‘द हाउसहोल्डर’ में अभिनय किया,जिसका निर्देशन जेम्स आइवोरी ने किया था।1969 में ‘द गुरू’ फिल्म में काम करने के बाद इन्होंने फिल्मी दुनिया को अलविदा कह होटल व्यवसायी तिलक राज ओबराय (टिक्की ओबराय) से शादी कर ली। बाद में दोनों में तलाक हो गया।

कुछ समय बाद इन्होंने अपने बचपन के मित्र और साहित्यकार डॉम मॉरिस से शादी कर ली एवं हांग कांग चली गईं। दस वर्ष वहाँ बिताने के बाद फिर भारत वापस आ गईं।

1985 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘त्रिकाल’ से इन्होंने हिंदी फिल्मी दुनिया में फिर प्रवेश किया।1992 में प्रदीप कृष्णन द्वारा निर्देशित फिल्म ‘इलेक्ट्रिक मून’ में इन्होंने आखिरी बार अभिनय किया था।

लंबी बीमारी के बाद मुंबई में 28 जुलाई,2009 को इनकी मृत्यु हो गई।

 

 

लीला नायडू ने 14 साल की उम्र में जीता था फेमिना मिस इंडिया का ताज 

हिंदी सिनेमा की एक ऐसी एक्ट्रेस जिसके चेहरे से नजरे नहीं हटती थीं, न सिर्फ शानदार अभिनय बल्कि जिसकी खूबसूरती के लोग कायल थे और उन्हें अपनी फिल्मों में लेने के लिए लालयित थे। अपनी गजब की सुंदरता से लोगों को एक ही नजर में अपने मोह में बांध लेती थी। अभिनेत्री का नाम लीला नायडू था। 50 और 60’s में लीला नायडू का हिंदी सिनेमा में सिक्का चलता था। 1954 में महज 14 साल कीआयु में फेमिना मिस इंडिया का ताज जीता था।एक्ट्रेस का नाम दस वर्षों तक वोग मैग्जीन की दुनिया में 10 सबसे ज्यादा खूबसूरत महिलाओं की लिस्ट में भी शामिल था। कई दिग्गज अभिनेता उनकी खूबसूरती से प्रभावित थे, जिनमें से एक नाम राज कपूर भी था। अपने पेशेवर जीवन में जितनी चर्चा पाई उतना ही दर्द उन्हें निजी जीवन में मिला। तो आज इस अभिनेत्री के जीवन के कुछ पन्नों के बारे में जानते है।

पढ़ाई के चलते ठुकराए थे ऑफर

मुंबई में जन्मी लीला नायडू की शिक्षा दीक्षा जेनेवा और स्विटजरलैंड में हुई थी।एक्ट्रेस को कई रोल ऑफर हुए लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई के चलते उन्हें ठुकरा दिए थे। हालांकि 1960 में ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘अनुराधा’ से लीला नायडू ने अपना डेब्यू किया था। ये फिल्म सफलत तो नहीं हुई लेकिन लीला नायडू की एक्टिंग की जमकर तारीफ हुई। इसके साथ ही असफल होने के बाद भी इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। इसके बाद लीला नायडू के पास फिल्मों की लाइन ही लग गई, लेकिन लीला नायडू ने बहुत ही गिनी चुनी फिल्मो में काम किया था।

इंग्लिश फिल्मों में भी किया था काम

एक्ट्रेस लीला नायडू को उनकी खूबसूरती के लिए तो याद किया ही जाता है, इसके अलावा कई फिल्में ऐसी भी हैं, जिसमे उनके बेजोड़ अभिनय को आज भी याद किया जाता है। एक्ट्रेस ने अपने करियर में ‘ये रास्ते हैं प्यार के’, ‘उम्मीद, ‘आबरू’, ‘द गुरू’ जैसी शानदार फिल्में की हैं। हिंदी फिल्मों के अलावा लीला नायडू ने कुछ इंग्लिश फिल्मों में भी काम किया। इसके अलावा वह विदेश से आई कई फिल्मों को अपनी आवाज में डब भी किया करती थीं।

अपने से 16 साल बड़े लड़के से की थी शादी

लीला नायडू की फ़िल्मी जिंदगी पटरी पर चल रही थी और वह सफलता की ओर बढ़ रहीं थीं, लेकिन उनकी निजी जिंदगी में कुछ भी सही नहीं चल रहा था। मात्र 17 साल की उम्र में ही लीला नायडू ने ओबेरॉय हॉटल के मालिक के बेटे तिलक ओबेरॉय से शादी कर ली थी।तिलक एक्ट्रेस से उम्र में 16 साल बड़े थे और 33 साल के थे। लेकिन उनकी ये शादी ज्यादा दिन नहीं चली। बताया जाता है कि वह लीला नायडू के साथ काफी बुरा बर्ताव करते थे, लेकिन एक्ट्रेस ने कभी भी इसे सबके सामने जाहिर नहीं होने दिया।

दूसरी शादी टूटने के बाद टूट गयी थी लीला नायडू

शादी के कुछ साल बाद ही लीला नायडू ने अपने पति से तलाक ले लिया था। इसके बाद लीला नायडू ने मुंबई के रहने वाले एक कवि से शादी कर ली, लेकिन इस बार भी शादी के मामले में उनकी किस्मत अच्छी नहीं रही और दूसरी शादी भी 20 साल बाद टूट गई। दूसरी शादी टूटने के साथ ही लीला नायडू भी बुरी तरह से टूट गईं और उन्होंने खुद को सभी से अलग कर लिया। वह गुमनाम जिंदगी बिताने लगीं, यहां तक कि लीला नायडू ने घर से निकलना तक बंद कर दिया था। बताया जाता है कि उन्होंने खुद को नशे में डुबों लिया था।

आर्थिक तंगी का भी शिकार हो गईं

1991 में पिता की मौत के बाद उनकी जमीन के लिए लीला नायडू ने कानूनी लड़ाई लड़ी और अपनी जमा पूंजी भी उसमें लगा दी। देखते ही देखते उनके सारे पैसे खत्म हो गए और वह आर्थिक तंगी का भी शिकार हो गईं। इसकी वजह से उन्हें अपने घर में किरायेदार रखने पड़े ताकि घर का खर्च चल सके। आखिरकार एक दिन वो इस दुनिया से चल बसीं, लेकिन आज भी उनकी फिल्में याद रहती हैं।