नई दिल्ली: तुर्की में नए राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के लिये रविवार को मतदान हो रहा है। यह चुनाव पिछले डेढ़ दशक से तुर्की में शासन कर रहे रजब तय्यब एर्दोगान और उनकी इस्लामवादी पार्टी एके के लिए बड़ी चुनौती है। एर्दोगन ने निर्धारित समय से पहले इस वर्ष अप्रैल में चुनाव का एलान करके विपक्ष को हैरान कर दिया था।
यह चुनाव अगले वर्ष नवंबर में होना था। उन्होंने तर्क दिया था कि आर्थिक चुनौतियों और सीरिया से युद्ध का सामना करने के लिए राष्ट्रपति की पर्याप्त शक्ति की आवश्यकता के मद्देनजर चुनाव कराना आवश्यक है।
VIDEO: Turkish President Recep Tayyip Erdogan's main rival in Sunday's presidential elections Muharrem Ince holds his final rally in Istanbul on the eve of the poll #TurkeyElections pic.twitter.com/8DPHXsOXm6
— AFP News Agency (@AFP) June 23, 2018
विपक्षी धर्मनिरपेक्ष दल रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मुहेर्रेम इंस ने शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था अगर वह चुनाव में विजयी होते हैं तो एर्दोगन के शासन में तानाशाही की तरफ बढ़ रहे देश की दिशा पर विराम लग जायेगा।
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— Recep Tayyip Erdoğan (@RTErdogan) June 23, 2018
उन्होंने कहा, चुनाव जीतने के 48 घंटे के अंदर आपातकाल को हटा लिया जायेगा। तुर्की में जुलाई 2016 तख्ता पटल के विफल प्रयास के बाद से आपातकाल लागू है। एर्दोगन ने तख्ता पलट के प्रयास के पीछे अमेरिका में रह रहे मुस्लिम मैलबी फतेहमुल्ला गुलेन का हाथ होने का आरोप लगाया था और देश में उसके समर्थकों के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया था।